कोरबा:जिला जेल- बाल सम्प्रेक्षण गृह में जिला एवं सत्र न्यायाधीश

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कोरबा@M4S:जिला जेल कोरबा एवं बाल सम्प्रेक्षण गृह रिस्दी में  अभिरक्षाधीन बंदियों/बंदनियों एवं अपचारी बालकों को विधिक जानकारी दिये जाने के प्रयोजनार्थ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा राकेश बिहारी घोरे द्वारा जिला जेल कोरबा में सर्वप्रथम महिला बैरक एवं अन्य बैरकों  का निरीक्षण किया गया। जेल प्रबंधन के द्वारा महिलाआंे बंदियों को  सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उसे सभी को रूचि लेकर सीखने को कहा गया ताकि वे जेल से बाहर आने पर सिलाई -कढ़ाई का कार्य करके अपने आय में वृद्धि कर सकते है।
विधिक साक्षरता शिविर के माध्यम से जिला न्यायाधीश द्वारा कहा गया कि बंदी जेल को जेल न समझे,  इसे एक घर की तरह समझे उनके द्वारा जाने-अनजाने में जो भी अपराध हुआ है उसकी प्रायश्चित करने का मौका यही मिलेगा।  अगर आपके द्वारा यदि कोई अपराध किया गया है तो सच्चे मन से प्रायश्चित करने से भगवान आपको अवश्य ही क्षमा करेगा। अपराध बोध को मन में लावें, अपराधी बनने से ऐसे नहीं है कि आप समाज के अंग नहीं है सभी व्यक्ति समाज के अभिन्न अंग होते है। महर्षि वाल्मिकी जी को अपने अपराध का बोध हुआ, उसे अपने कृत्य पर आत्म ग्लानि हुई तो वाल्मिीकी जी ने अपने अपराधों की प्रायश्चित करते हुये अपना जीवन श्री रामचन्द्र जी के भक्तिभाव में लगा दी और अंत में उसने रामायण जैसे महाग्रंथ की रचना की। तो आप क्यों नहीं कर सकते । मानव जीवन हमें एक अच्छे कार्य करने के लिये मिला है इसे देश, समाज एवं दूसरों की सेवा में  लगाये न कि अपराध करने में। कर्मो का फल सभी को यही मिलता है जैसा कर्म करेगंे वैसा फल मिलेगा। अपने कर्मो को शुद्ध करें, मन को साफ रखें, दूसरों की मदद करें इससे आपके अपराधों की प्राशचित होगी। 
बालसम्प्रेक्षण गृह कोरबा में बालकों को नैतिक शिक्षा, संबंधी जानकारी देते हुये बालको से कहाॅं कि सभी जाने-अनजाने में अगर कोई अपराध आपके हो गई है तो उसका प्रायश्चित करने का यही मौका है। अपने अपराधों का स्वयं संवीक्षा करे। अपने आप से सवाल करें एवं उनका स्वयं जवाब दे, इससे हमको मालूम होता है कि हमने क्या सही किया और क्या गलत किया, इसी से मानव का चरित्रा का निर्माण होता है।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा  कु. सीमा जगदल्ला, द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के द्वारा प्रदायित शार्ट फिल्म गोमती जो कि टोनही प्रताड़ना से संबंधित है का प्रदर्शन किया गया।  जिला जेल कोरबा में विधिक साक्षरता शिविर के दौरान श्री के.एल. देशमुख, सहायक जेल अधीक्षक, श्री अरूण कुमार धु्रव, अधिवक्ता कोरबा एवं बाल सम्प्रेक्षण गृह कोरबा में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री क्रिस्पोट्टा, बाल परीवीक्षा अधिकारी, श्री संदीप उपस्थित थे।

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