कुसमुंडा जीएम कार्यालय के बाहर चल रहा है प्रदर्शन
कोरबा@M4S:ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति की ओर से जारी बयान में सभी वर्ग के लोंगो से भुविस्थापितो के साथ खड़े होने की अपील किया गया है । लगभग 30-35 वर्षो से एसईसीएल के खदानों को दिए अपनी पुरखो की जमीन के बदले रोजगार की मांग किया जा रहा है जिसको अनुसना कर कोरी आश्वासन का झुनझुना थमाया जा रहा है जिसके खिलाफ अब आर पार की लड़ाई लड़ी जा रही है जिसमे हर किसी को समर्थन में सामने आने की जरूरत है ।
ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने बताया कि रोजगार एकता संघर्ष संघ द्वारा रोजगार के लंबित मामले के निराकरण की मांग पर पिछले 1 माह से धरने पर बैठे है। जबकि ऊर्जाधानी संगठन पिछले एक साल से रोजगार , मुआवजा और बसाहट से जुड़ी हुई 15 सूत्रीय मांगों पर निरन्तर आंदोलन चला रही है । एसईसीएल प्रबन्धन के साथ कई स्तर की बैठक , जिला पुनर्वास समिति के दिशा निर्देशों के बाद भी प्रगति कार्य ढाक के तीन पात साबित हो रहा है । पिछले दिनों कलेक्टर के साथ हुई त्रिपक्षीय बैठक के बाद कोरबा जिले की पूरी राजस्व अमला और एसईसीएल के अधिकारियो को खदान से प्रभावित ग्रामो की समस्याओ का मूल्यांकन के लिए लगा दिया गया है । एसईसीएल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के प्रमुख अधिकारियों ने एक माह में समस्या सुलझा लेने का आश्वासन दिया था पर अब एक माह का समय भी बीत चुका है पर नतीजा नही निकल पाया है ।
उन्होंने बताया कि कुसमुंडा के पुराने लम्बित रोजगार की मांग पर आंदोलित साथियो ने एक दिसम्बर को खदान बन्द कराने का निर्णय लिया है जिसमे अब ऊर्जाधानी संगठन प्रमुखता के साथ शामिल होगा । संगठन में लिए गए निर्णय के अनुसार आंदोलन को सफल और आक्रामक बनाने के लिए टीम के सभी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में शामिल कराया जाएगा ।
कुसमुंडा खदान बंद में शामिल होने ऊर्जाधानी संगठन ने की अपील
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