कोरबा@M4S: कोरोना महामारी के बाद जिला प्रशासन की गाइडलाइन का असर पूरे जिले में आयोजित होने वाले दुर्गोत्सव व गरबा डांडिया महोत्सव में साफ दिख रहा है। शहर में जहां इन दिनों हर तरफ रौनक हुआ करती थी, वहां शांतिपूर्ण माहौल बना हुआ है।
सीमित संख्या में लोग आयोजन की परंपरा का निर्वहन करने में जुटे हैं। नवरात्र के तीसरे दिन एक तिथि का क्षय होने से शनिवार को मां चंद्रघंटा व कूष्मांडा देवी की पूजा करने श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचे। रविवार को पंचमी होने से अधिक भीड़ रही। इस दिन जिले मां मड़वारानी (पहाड़ ऊपर) में नवरात्र की शुरुआत हो गई। दूसरी ओर से जिले में जहां भव्य दुर्गोत्सव होता आ रहा था, वहां छोटे रूप में आयोजन की तैयारी है। इन पंडालों में बंगाली कल्चर के अनुसार षष्ठी (सोमवार) से देवी मां की स्थापना कर दशमी तक पूजन किया जाएगा। कोविड प्रोटोकाल के बाद भी तृतीया व चतुर्थी पर शनिवार को मां सर्वमंगला, मां भवानी, मां मड़वारानी पहाड़ के नीचे, मां मातिन दाई, मां दीपेश्वर, मां चोढ़ारानी व मां कोसगई मंदिर समेत अन्य देवी मंदिरों में भीड़ लगनी शुरू हो गई है। श्रद्धालुओं को पूजन सामग्री अर्पित करने की छूट नहीं है। शनिवार को मां सर्वमंगला मंदिर में श्रद्धालुओं की कतार लगी रही।
158 समितियों ने ली अनुमति
गरबा डांडिया के लिए अब तक सिर्फ 9 समितियों ने अनुमति ली है, जबकि दुर्गोत्सव पूजन के लिए शनिवार की शाम तक 158 दुर्गा पूजा उत्सव समितियों ने एसडीएम से अनुमति लेकर पूजन शुरू किया है। अब तक गरबा-डांडिया के लिए सबसे अधिक कोरबा से 7 तो कटघोरा से 2 समितियों ने अनुमति ली है, जबकि दुर्गा पूजा के लिए कोरबा में सर्वाधिक 83, कटघोरा से 60, पाली से 10 तो पोड़ी-उपरोड़ा से 5 समितियों ने अनुमति लेकर दुर्गा प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं।
पूजा पंडाल हुए तैयार , विराजेंगी मां दुर्गा
कोसाबाड़ी दुर्गा पूजा व दशहरा उत्सव समिति, एमपीनगर स्थित श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा व दशहरा उत्सव समिति, दुर्गा पूजा समित रविशंकर शुक्लनगर, टीपीनगर इंदिरा विहार कॉलोनी, जेपी कॉलोनी, सुभाष ब्लॉक, शारदा विहार, अमरैय्यापारा में पंडाल तैयार हैं। आयोजन समितियों ने छोटे आकार के दरबार बनवाए हैं, जहां माता रानी की स्थापना सोमवार को की जाएगी। सबसे पुरानी पूजा समिति सीएसईबी कॉलोनी कोरबा पूर्व आटा चक्की के आयोजकों ने भी रस्म निभाने माता की पूजा करेंगे।
देवी मंदिरो में नवरात्र में दिख रहा प्रशासन की गाइड लाइन का असर
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