जल जंगल ज़मीन को बचाने ग्राम फत्तेपुर में ग्राम सभा  का हुआ

- Advertisement -

आयोजन सरगुजा@M4S:आज 2 अक्टूबर 2021 गाँधी जयंती के अवसर पर उनके आदर्शो पर अमल करते हुए हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति द्वारा ग्राम फत्तेपुर, जिला सरगुजा में ग्राम सभाओं के सम्मलेन का आयोजन किया गया| इस आयोजन को रोकने और इसमें विघ्न उत्पन्न करने की मंशा से अडानी कंपनी और प्रशासन की संयुक्त भूमिका के माध्यम से इस आयोजन को रोकने की कोशिश की गई| लोकतांत्रिक तरीके से अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा में लोग ने सतत अपनी बातों को मुखरता से सामने रखा| कंपनी और प्रशासन के दबाव के बावजूद ल्हास्देव के लोग एकजुट रहे|  
आयोजन को न होने देने की लगातार  कोशिशों के बीच मजबूती के साथ इस आन्दोलन से जुड़े लोगों ने गाँधी जी को नमन करते हुए उनके सपनो के भारत के गाँव को बचाने के अपने संकल्प को दोहराया| लोगों ने पांचवी अनुसूची क्षेत्र होने के बाद भी लगातार कोल बेअरिंग एक्ट से कोयला खदान हेतु किए जा रहे भूमि अधिग्रहण का विरोध किया| पेसा कानून के ग्रामसभा से पूर्व सहमति के प्रावधानों को दरकिनार कर किए जा रहे भूमि अधिग्रहण को रद्द करने की मांग की|
मुनेश्वर पोर्ते ग्राम फत्तेपुर से है उन्होंने कहा परसा कोल ब्लॉक की भी वन स्वीकृति ग्रामसभा का फर्जी प्रस्ताव बनाकर हासिल की गई| इस फर्जी प्रस्ताव को निरस्त कर दोषियों पर कार्यवाही और बिना सहमति के भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की|
सुनीता पोर्ते ग्राम फत्तेपुर से, कहती है कि 4 अक्टूबर को इस आयोजन को आगे बढाते हुए हम रायपुर तक पदयात्रा में निकलेंगे और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछेंगे कि हमारे संवैधानिक अधिकारों को हमसे क्यों छीना जा रहा है| कॉर्पोरेट मुनाफे के लिए हमारी जमीन को क्यों छीना जा रहा है?
अपने जल जंगल और जमीन को बचाने के लिए हसदेव के लोग पिछले एक दशक से संघर्षरत है| 2015 में हसदेव अरण्य की 20 ग्राम सभाओं ने खनन के विरोध में प्रस्ताव पारित किया था| 2019 में ग्राम फतेहपुर  में 75 दिनों तक धरना प्रदर्शन किया लेकिन राज्य सरकार ने कोई संज्ञान नही लिया । ग्राम सभाओं के व्यापक विरोध और भूमि अधिग्रहण से लेकर सभी स्वीकृति प्रक्रियाओं को मनमाने एवं गैरकानूनी  ढंग से किया जिसकी जानकारी राज्य एवं केंद्र सरकार के सम्बंधित विभागों और स्वयं मुख्यमंत्री को भी प्रेषित किया गया किन्तु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है| लगातार अपनी बातों को पत्रों के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने के बाद भी हमें अनसुना किया गया| इस आन्दोलन का 2015 में खुद राहुल गाँधी ने भी समर्थन किया| इसके बाद भी हमें अपने ही जमीन से बेदखल कर कॉर्पोरेट मुनाफा सुनिश्चित करने के लिए रास्ता तैयार करने की कोशिश की जा रही है इसलिए हम यह पदयात्रा करने जा रहे है ताकि हम मुख्यमंत्री और राज्यपाल को मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपे और अपने लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा कर सके|

Related Articles

http://media4support.com/wp-content/uploads/2020/07/images-9.jpg
error: Content is protected !!