कोरोना काल में शिक्षा को लेकर सामने कई चुनौतियां:डॉ गजेंद्र तिवारी

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  छत्तीसगढ़ पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल पाली के शिक्षाविद प्राचार्य एवं कैरियर काउंसलर डॉ गजेंद्र तिवारी ने बताया कि वर्तमान वैश्विक महामारी के प्रकोप ने जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों को प्रभावित  किया है शिक्षा भी इससे अछूती नहीं इस दौर में शिक्षा के क्षेत्र में एक तरफ जहां विविध प्रकार की चुनौतियां खड़ी हुई है वहीं उन चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न प्रयोग भी हो रहे हैं प्राथमिक व माध्यमिक से लेकर उच्च शिक्षा स्तर तक की शिक्षण संस्था द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है शहर तो शहर गांव में भी ऑनलाइन अध्ययन अध्यापन की यह व्यवस्था कमोबेश देखने सुनने में आने लगी है वीडियो कांफ्रेंसिंग से लेकर संचार व संपर्क के अन्य माध्यमों से अध्यापक आज घर बैठे छात्रों को पढ़ाने में लगे हैं इनमें शैक्षिक नवाचारो के बीच ही जिन छात्रों के पास कंप्यूटर लैपटॉप या स्मार्टफोन के साथ-साथ अच्छे इंटरनेट की उपलब्धता नहीं है ऐसे में जिन छात्रों के पास यह तकनीकी संसाधन नहीं होंगे वह कैसे ऑनलाइन पढ़ पाएंगे आखिर वह कौन सा तंत्र है जिसने यह सुनिश्चित कर लिया है  यदि ऐसा है तो इस संकट काल में सभी  छात्रों से ऑनलाइन परीक्षा एवं पढाई  कैसे लिया जा सकता है वे छात्र जिनके पास कंप्यूटर लैपटॉप या स्मार्टफोन नहीं है वह तो आखिर  शिक्षा से वंचित हो रहे हैं इन छात्रों का भविष्य  अंधकारमय होता दिख रहा है
  डॉक्टर गजेंद्र तिवारी ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की परेशानी बढ़ गई है क्योंकि आर्थिक रूप से कमजोर स्कूली बच्चों की परेशानी इससे बिल्कुल अलग हो जाती है ना तो उनके पास लैपटॉप है ना टेबलेट हैं और ना ही स्मार्टफोन जैसे उपकरण के अभाव में वह ऑनलाइन पढ़ाई में कहीं पीछे छूट से दिख रहे हैं ऑनलाइन पढ़ाई में गरीब बच्चों के लिए कई सारी चुनौतियां हैं हो सकता है न उनके पास स्मार्टफोन है न लैपटॉप ना ही  इंटरनेट की सुविधा ना ही और वह इन उपकरणों को ठीक से इस्तेमाल करना जानते हो ऐसे मे उन बच्चों का भविश्य अन्धकार मय नजर आ रहा है।
डा .गजेन्द्र तिवारी के अनुसार  ऐसे वंचित बच्चों के लिए जिनके पास मोबाइल लैपटॉप और स्मार्टफोन की सुविधा नहीं है इन कमियों को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए साथ ही अभी वर्तमान में जब तक कोरोना का प्रभाव कम नहीं हो जाता तब  तक स्कूल खुलने की संभावना नहीं है ऐसे में जब तक कोरोन को  लेकर कोई वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक ऑनलाइन पढ़ाई को ही जारी रखा जाना चाहिए ऑनलाइन अध्ययन को ही और अधिक प्रभावी बनाए जाने के लिए प्रयास किए जा सकते हैं

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