राजनांदगांव@M4S: छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई शुक्रवार को राजनांदगांव में पहुंचकर आदिवासी मामलों का विचारण किया। इस अवसर पर उनके द्वारा आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधियों और समाज प्रमुखों, एनएसयूआई के छात्र नेताओं और प्रशासनिक अमले से मुलाकात की। पोटाई द्वारा राजनांदगांव मैं वहां के समाज प्रमुखों को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के कार्यकलापों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि आयोग के इतिहास में पिछले 3 माह में आयोग ने सर्वाधिक कार्य किया है । पोटाई जी ने आयोग की उपलब्धि के बारे में बताते हुए कहा कि आयोग ने ही सर्वप्रथम कबीरधाम जिले के बालसमुंद पहुंच कर फर्जी नक्सली मुठभेड़ का भंडाफोड़ किया था जिसका परिणाम यह रहा कि पीड़ित परिवार माथे से नक्सली होने धब्बा दूर तो किया ही साथ ही आयोग के दबावों का ही असर था जिसके कारण पीड़ित परिवार के एक सदस्य को वन विभाग में शासकीय नौकरी मिली और आर्थिक सहायता के रूप में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पांच लाख रुपए प्रदान किए गए। उन्होंने बताया कि पुनर्वास नीति का उचित पालन ना होने के कारण कई आदिवासी वर्ग के व्यक्तियों को उचित मुआवजा नहीं मिला था जिसे उनके द्वारा संज्ञान में लिया गया जिससे न सिर्फ पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा राशि प्रदान की गई बल्कि कई परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी मिली। इस अवसर पर एनएसयूआई के युवा छात्र नेता भी पोटाई जी से मिलने पहुंचे थे जिन्हें संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में भूपेश बघेल सरकार द्वारा उन्हें अजजा आयोग के सदस्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिसका उनके द्वारा ईमानदारी पूर्वक निर्वहन किया जा रहा है इसके साथ अन्य वर्गों के हमारे साथी भी मुझे व्यक्तिगत तौर पर अपनी समस्याओं से अवगत करा सकते हैं जिसका मेरे द्वारा जहां तक संभव हो सके निराकरण करने का प्रयास किया जावेगा। इस दौरे में कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने फोन के माध्यम से पोटाई जी को राजनांदगांव मैं आदिवासियों की समस्याओं की जानकारी प्रदान की गई एवं पुलिस अधीक्षक डी सरवन ने आदिवासियों से संबंधित पुलिस मामलों एवं नक्सली मामलों की जानकारी दी गई। पोटाई जी के अनुसार राजनांदगांव का यह अल्प समय अवधि का यह दौरा सफल रहा एवं बेशक कुछ कार्य समय की कमी के कारण अधूरे रह गए हैं जिसे भविष्य में पुनः राजनांदगांव आकर पूरा किया जावेगा।