विद्युत कर्मियों की समस्याओं का निराकरण शीघ्र

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रायपुर@M4S:जनता यूनियन के प्रतिनिधी मंडल ने पावर कंपनीज के प्रबन्धन के समक्ष विद्युत कामगारों में व्याप्त अंसतोष एवं भविष्य अंधकार मय होने की शंका को दूर करने हेतु, तार्किक प्रस्ताव रखकर कामगारों की समस्याओं के त्वरित निराकरण की मांग की है । जनता यूनियन के प्रतिनिधी मंडल ने पावर कंपनीज के प्रबन्धन के समक्ष निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की:-
1. तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के पदोन्नति, उच्च वेतनमान तथा वरिष्ठ कर्मियों की वरिष्ठता को नजरअंदाज कर कनिष्ठ कर्मियों को पदोन्नत किये जाने !
2. डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी में कार्यरत जिन तकनीकी संविदा कर्मियों नेे ढाई महिने का प्रशिक्षण प्राप्त कर सफलता हासिल की है । उन्हें प्रशिक्षण उपरांत श्रमायुक्त द्वारा जारी दर अनुरूप कुशल श्रमिक की दर से भुगतान किया जावे । इसी प्रकार अन्य कंपनीज में भी भुगतान किये जावे ।
3. पावर कंपनीज में कार्यरत समस्त संविदा कर्मियों एवं बाह्य स्त्रोत कर्मियों का सामूहिक दुर्घटना बीमा कराया जावे । जिसमें कार्य के दौरान हुई दुर्घटना में पूर्ण कैशलेस ईलाज की सुविधा हो ।
4. पावर कंपनीज में समस्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के पदों का उन्नयन किया जावे । विद्युत मंडल के विभाजन पश्चात् प्रदेश में विद्युत लाईनों एवं उपकेन्द्रों के विस्तार अनुरूप पदों का सृजन किया जावे ।
5. दषहरा पूर्व पावर कंपनीज में कार्यरत समस्त कर्मचारियों सीलिंग रहित बोनस/अनुग्रह राशि प्रदान करने बाबत् ।
प्रबंधन ने उपरोक्त बिन्दुओं पर चर्चा उपरांत से प्रतिनिधी मंडल को भरोसा दिलाया गया कि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की समस्याओं एवं मांगों का निराकरण करने हेतु आगामी संचालक मंडल की बैठक में प्रस्तावों की कार्यसूची में शामिल किया जाने का निर्देश  संबंधितों को दिया जावेगा तथा प्रयास किया कि संचालक मंडल से स्वीकृति प्राप्त हो जावे ।
प्रतिनिधी मंडल में शामिल श्री अजय बाबर, प्रांतीय महासचिव, यतीष वर्मा, प्रांतीय उपाध्यक्ष, अशोक पांडे, प्रांतीय उपाध्यक्ष तथा गिरीश वर्मा ने प्रबंधन के इस सकारात्मक रूख की सराहना करते हुये, पावर कंपनीज में कार्यरत समस्त श्रेणी के कर्मचारियों को भरोसा दिलाया है कि जनता यूनियन समस्त कर्मियों की व्यावहारिक समस्याओं का निराकरण चर्चा के माध्यम से कराने का सदैव पक्षधर रहा है । 15 वर्षों  तक लगातार तत्कालीन शासन की नीतियों के पक्षधर रहे तथाकथित संगठनों ने कभी भी उनके शासनकाल में निजीकरण, कंपनीकरण, बाह्यस्त्रोतीकरण हेतु आंदोलन नहीं किया एवं आज जब विपरीत परिस्थितियों में छत्तीसगढ केेेेेेेेेे जनप्रिय युवा एवं यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भूपेष बघेल के निर्देशन में छत्तीसगढ एवं पावर कंपनीज देशभर में उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है तो यह अस्थिरता का माहौल बनाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं । इनकी कथनी और करनी व नीयत पर हमेशा विद्युत कामगार एवं प्रदेश की जनता को संदेह रहा है । उत्तरप्रदेश  में निजीकरण के आन्दोलन से दूर रहने वाले कोरबा में कोल मांईस एवं पावर कंपनीज के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं ।
श्री अजय बाबर, प्रांतीय महासचिव, प्रांतीय उपाध्यक्षद्वय यतीष वर्मा, एवं अशोक पांडे, ने विद्युत कामगारों से  अपील की है कि हिन्दुओं के पावन  त्यौहार पर कामबंद आंदोलन की बात करने वालों की नीयत को पहचाने ताकि 1988-89 में दैनिक मस्टररोल कर्मियों जैसी स्थिति वर्तमान में ना बने ।

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