नई दिल्ली,@M4S: देश में एल्यूमिनियम और मूल्य सवंर्धित उत्पादों के सबसे बड़े निर्माता वेदांता एल्यूमिनियम ने ऊर्जा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए 21वें सीआईआई राष्ट्रीय समारोह में पांच पुरस्कार जीते। वर्चुअल समारोह का आयोजन 25 से 28 अगस्त, 2020 तक किया गया।
समारोह में बालको ने ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक नवाचारों के लिए ‘एक्सीलेंट एनर्जी इफिशिएंट यूनिट’ और ‘इनोवेटिव प्रोजेक्ट’ का पुरस्कार जीता। वेदांता लिमिटेड, लांजीगढ़ ने एल्यूमिना रिफाइनरी की ऊर्जा दक्षता में उत्तरोत्तर सुधार के लिए ‘एक्सीलेंट एनर्जी इफिशिएंट यूनिट’ का पुरस्कार हासिल किया। वेदांता लिमिटेड, झारसुगुड़ा के दोनों स्मेल्टरों ने ऊर्जा की खपत कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण सुधारों के लिए ‘एनर्जी इफिशिएंट यूनिट’ पुरस्कार प्राप्त किए।
वेदांता लिमिटेड (एल्यूमिनियम एंड पावर) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अजय कपूर ने कहा कि सी.आई.आई. राष्ट्रीय पुरस्कार ऊर्जा की खपत कम करने की दिशा में किए जा रहे हमारे उत्कृष्ट प्रबंधन का द्योतक है। हम अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में राष्ट्र की आत्मनिर्भरता में योगदान के लिए उच्च गुणवत्ता के एल्यूमिनियम धातु का उत्पादन करते हैं। हम वैश्विक स्तर पर ऊर्जा दक्ष एल्यूमिनियम उत्पादक बनने के लिए कटिबद्ध हैं। वेदांता समूह सस्टेनिबिलिटी के क्षेत्र में अपने उत्तरदायित्वों के प्रति पूर्ण सजग है।
सीआईआई द्वारा स्थापित पुरस्कार का उद्देश्य भारतीय उद्योगों को ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में नवाचार एवं विकास, ऊर्जा खपत में कमी एवं उत्कृष्ट कार्य शैली अपनाने की दिशा में प्रोत्साहित करना है। पुरस्कार प्रक्रिया में भागीदारी के लिए धातु, ऊर्जा, सीमेंट, इंजीनियरिंग, कागज, ऑटोमेशन आदि संबंधी लगभग 250 उद्योगों ने भागीदारी की। इनमें से 154 ज्यूरी राउंड के लिए चयनित किए गए। अंतिम रूप से चयनित प्रतिभागियों में वेदांता एल्यूमिनियम ने धातु एवं ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्यों के लिए पुरस्कार प्राप्त किए।
ऊर्जा दक्षता की दिशा में वेदांता एल्यूमिनियम की ओर से संचालित महत्वपूर्ण पहल हैं:
• वेदांता स्मेल्टर, झारसुगुड़ा देश में पहली और दुनिया की तीसरी ऐसी इकाई है जहां डिजिटल स्मेल्टर सॉल्यूशन तकनीक अपनाई गई है। यह डिजिटल ट्विन तकनीक से लैस है। इससे ऊर्जा दक्षता में बढ़ोत्तरी होती है, कच्चे माल की खपत में कमी आती है और रिमोट एडवाजरी प्रणाली के जरिए सामग्रियों के अपव्यय को रोका जा सकता है।
• वेदांता अपने विद्युत संयंत्रों में एडवांस डाटा एनालिटिक्स तकनीक अपनाने की दिशा में काम कर रहा है। इस तकनीक में प्रीडिक्टिव और प्रीस्क्रिप्टिव एनालिटिक्स की सुविधाएं होंगी। इससे प्रचालनों में ऊर्जा दक्षता और सस्टेनिबिलिटी में सुधार होगा, शून्य अथवा न्यूनतम मानवीय संपर्क के साथ सुरक्षा जोखिम कम होंगे।
• रियल टाइम डाटा संग्रहण और निगरानी के साथ ऑनलाइन व सतत पर्यावरणीय निगरानी प्रणाली से वायु की गुणवत्ता आदि मानदंड निर्धारित सीमा में हैं।
• सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली से संयंत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता पर नजर रखी जाती है।
• वेदांता ने अपने विद्युत संयंत्रों में देश में पहली बार बैग फिल्टरों के साथ हाईब्रिड इलेक्ट्रोस्टेटिक प्रेसीपिटेटर स्थापित किए।
• अल्ट्रा फिट्रेशन और रिवर्स ऑस्मोसिस प्रणालियों के साथ इफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए गए हैं जिससे जल का 100 प्रतिशत उपचार संभव है। इस जल का प्रयोग ऐश हैंडलिंग और उद्यानिकी में किया जाता है।
• सौर, बायोमास और बायोगैस जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के प्रोत्साहन की दिशा में कंपनी काम कर रही है। वर्तमान में वेदांता के एल्यूमिनियम स्मेल्टर, विद्युत संयंत्र और एल्यूमिना रिफाइनरी देश की अग्रणी ऊर्जा दक्ष उत्पादन इकाइयां हैं।
• डिजिटलाइजेशन को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि रोजमर्रा के कार्यों में कागज के इस्तेमाल को कम किया जा सके।
• वेस्ट टू वेल्थ परियोजना के जरिए स्थानीय फ्लाई ऐश निर्माण इकाइयों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सड़कों के निर्माण में फ्लाई ऐश बिछाने, निचले क्षेत्रों में भराव और वानिकी आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है।
वेदांता झारसुगुड़ा इकाई में प्रचालन एवं अनुरक्षण संबंधी अनेक कार्यों से जुड़े सीमेंस लिमिटेड के साइट इंचार्ज श्री अबूतर खान कहते हैं कि सीमेंस ऐसी कार्य शैली को बढ़ावा देता है जिससे वेदांता समूह के स्मेल्टरों, विद्युत संयंत्रों, कास्ट हाउस तथा अन्य इकाइयों का प्रचालन उच्च ऊर्जा दक्षता के साथ किया जा सके। इसके लिए सीमेंस विश्वस्तरीय बेंचमार्क के अनुरूप कार्य प्रदर्शन के लिए कटिबद्ध है।
वेदांता लिमिटेड की कंपनी वेदांता एल्यूमिनियम एंड पावर भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक इकाई है जहां वित्तीय वर्ष 2020 में देश की जरूरत का आधा भाग लगभग 1.9 मिलियन टन धातु प्रति वर्ष उत्पादित हुआ। यह निजी क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादन इकाइयों में भी शामिल है। मूल्य सवंर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों के क्षेत्र में यह अगुवा है जिसके विभिन्न उत्पादों का प्रयोग कोर उद्योगों में महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों में होता है। भारत भर में फैले अपने विश्वस्तरीय स्मेल्टरों, विद्युत उत्पादन संयंत्रों और एल्यूमिना रिफाइनरी से एल्यूमिनियम धातु और उसके अनेक अनुप्रयोगों के जरिए हरित और समृद्ध भविष्य के निर्माण मंे कंपनी का महत्वपूर्ण योगदान है।