नई दिल्ली (एजेंसी):भारत में निजी रेलगाड़ियों को चलाने के लिए जो मसौदे दिए गए हैं उनमें इलैक्ट्रॉनिक स्लाइडिंग दरवाजे, यात्री निगरानी प्रणाली, गंतव्य की हिन्दी, अंग्रजी और क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी, सुरक्षा कांच के साथ खिड़कियां, आपातकालीन टॉक-बैक तंत्र के साथ अन्य चीजें शामिल है। ये कुछ ऐसी विशेषताएं हैं जो रेलवे ने निजी ऑपरेटरों से इन रेलगाड़ियों के लिए मांग की है। ऐसी उम्मीद है कि इन ट्रेनों का परिचालन 2023 से शुरू कर दिया जाएगा।
रेल मंत्रालय ने बुधवार को ट्रेनों के डिजाइन को लेकर मसौदा जारी किया है, जिसे 109 प्रस्तावित मार्गों पर चलने वाली प्राइवेट ट्रेनों को पालन करना होगा। इसमें कहा गया है कि ये रेलगाड़ियां यात्रियों को शोर-मुक्त यात्रा हो पाएगी और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम होंगी।
इसमें कहा गया कि ट्रेन को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि वह सुरक्षित रूप से अधिकतम 180 किलोमीटर की स्पीड से चल पाएगी। ट्रेन का डिजाइन करीब अगले 35 वर्षों के लिए किया जाएगा।
इसमें आगे कहा गया है, ”ट्रेन को ऐसे डिजाइन किया जाएगा ताकि वे परीक्षण के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से सुरक्षित रूप से संचालित हो सकें। इन रेलगाड़ियों में आपातकालीन ब्रेक लगाये जायेंगे जिससे 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करते समय 1,250 मीटर से कम दूरी पर उन्हें रोका जा सकता है।”
ट्रेन का इस प्रकार डिजाइन किया जाएगा कि अधिकतम 160 किलोमीटर की रफ्तार से चले। मंत्रालय की तरफ से ऐसी उम्मीद की जा रही है कि 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने पर सफर का करीब 10-15 प्रतिशत समय बचेगा जबकि 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने पर 30 प्रतिशत समय बचेगा। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, शुरुआत में वे 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाएंगे और बाद में इसे बढ़ाकर मार्च 2024 तक 160 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया जाएगा।