कोरबा@M4S:बहनों की याद-भाइयों की स्मृतियां वाले माहौल से सभी हुए भावुक,जल्द स्वस्थ होने की कामना की*
कोरबा जिले में संचालित विशेष कोविड अस्पताल में आज माहौल उस वक्त भावुक हो गया,जब अस्पताल में कोरोना मरीजों की देखभाल करने वाली महिला मेडिकल स्टाफ पीपीटी पहन कर हाथों में राखी,मिठाई की थाली सजाकर अचानक वार्ड में पहुंची।सभी नर्सों ने अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कलाइयों पर रक्षा सूत्र बांघे और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया तथा उनके जल्द स्वस्थ होने की ईश्वर से कामना की। कोरबा कोविड अस्पताल में भर्ती 44 मरीजों की कलाइयों पर आज नर्सों ने राखी बांधकर रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार मनाया।सिस्टर ज्योति,सिस्टर अंजली,सिस्टर ममता,सिस्टर यामिनी,सिस्टर ग्लोरिया और सिस्टर महारानी ने अस्पताल में मौजूद सभी कोरोना मरीजों को रक्षाबंधन पर बहनों की कमी महसूस नहीं होने दी।अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कोरबा जांजगीर-चांपा और गोरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के 44 मरीज अस्पताल प्रबंधन की इस भावनात्मक पहल पर भावुक हो गए। इस दौरान अस्पताल के इंचार्ज डॉक्टर प्रिंस जैन भी मौजूद रहे।
कोविड अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने बताया कि सभी ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से बातचीत के दौरान ही इस रक्षाबंधन पर अपने घर नहीं जा पाने और बहनों से राखियां नहीं बंधवा पाने के दर्द को पहले ही भाँप लिया था। मरीजों की भावनाओं और इस पर्व पर बहनों को बहुत मिस करने की बात जानकर कॉविड अस्पताल के इंचार्ज डॉक्टर प्रिंस जैन ने अस्पताल में ही रक्षाबंधन मनाकर भर्ती मरीजों को कोरोना के इस संक्रमण काल में सरप्राइज देने की योजना बनाई।
रक्षा बंधन के एक दिन पहले ही अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने की तैयारियां शुरू कर दी थी। सिस्टर ग्लोरिया, सिस्टर ज्योति ने बताया कि कल शाम को ही सभी मरीजों के लिए राखियां और मिठाइयां आदि अस्पताल पहुंच गई थी और सुबह जब डॉक्टर मरीजों की जांच के लिए राउंड पर थे, तब वे सभी पीपीई किट पहनकर थालियों में राखियाँ और मिठाई सजाकर वार्ड में पहुंची। उन्हें देखकर मरीजों के चेहरे पर खुशी और आंखों में भावुकता का पानी आ गया। सभी ने खुशी -खुशी अपनी कलाइयां आगे कर नर्सों से राखियां बँधवाई, अपनी बहनों को याद किया और रक्षाबंधन पर बहनों के साथ घर पर होने वाली नोक-झोंक के किस्से सुनाए।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही,जांजगीर चांपा और कोरबा जिले के 44 मरीजों ने इस पहल पर बताया कि रक्षाबंधन के दिन अस्पताल में हाथों की कलाइयां राखियों से भरी होने पर उन्हें बहुत मानसिक संतोष मिला है।कोरोना पॉजिटिव होने के कारण इस अस्पताल में भर्ती मरीजों को वैसे भी घर परिवार की याद सता रही है, रक्षाबंधन जैसे पर्व पर वे अपनी बहनों को बहुत मिस कर रहे थे। मरीजों का कहना है कि अस्पताल की नर्सों ने इस त्यौहार को कोरोना महामारी दौर में भी यादगार बना दिया है, हमें आज कोरोना वारियर्स के रूप में बहादुर बहने मिली है।मरीज़ों ने भावुक होकर कहा कि कोविड अस्पताल में घर जैसा माहौल है और शायद इसी कारण इस अस्पताल से कोई भी मरीज अभी तक मौत के गाल में नहीं समाया है, सभी मरीज जल्दी जल्दी ठीक होकर वापस लौट रहे हैं।
कोविड अस्पताल में करने वाली नर्सों ने बताया कि वे भी अपनी ड्यूटी के कारण रक्षा बंधन पर भाइयों को राखी बांधने घर नहीं जा पा रही हैं। साल भर के त्यौहार पर घर ना जा पाना और भाइयों को राखी नहीं बांध पाने का मलाल उनके भी मन में था, परंतु फिर डॉक्टर प्रिंस जैन के आइडिया ने सभी को खुश कर दिया। उन्होंने बताया की आज मरीज और मेडिकल स्टाफ ने मिलकर रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया है तो ना किसी भाई की कलाई सुनी है, ना किसी बहन को इस त्योहार पर भाई की कमी महसूस हो रही है।
इस बारे में डॉक्टर प्रिंस जैन ने बताया कि परिवार से अलग रह कर कोरोना का उपचार करा रहे मरीजों को दवाइयों के साथ-साथ भावनात्मक और मानसिक रूप से भी इलाज की जरूरत होती है ।रक्षाबंधन मनाने का यह अवसर मरीज़ो की इस जरूरत को पूरा करता है इससे यहां के सभी मरीजों के चेहरे के चेहरे खिल गए हैं।