कोरबा@M4S:चालू खरीद सत्र में जिले में अभी तक लगभग 78 प्रतिशत क्षेत्र में बोनी पूरी कर ली गई है। जिले में इस वर्ष एक लाख 38 हजार 350 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की खेती की जायेगी। कलेक्टर किरण कौशल ने चालू खरीफ सत्र में खेती के लिए बीज-खाद की उपलब्धता किसी भी परिस्थिति में किसानों को पर्याप्त मात्रा में समय रहते सुनिश्चित करने के निर्देश मार्कफेड सहित सभी संबंधित अधिकारियों को दिए है। इस वर्ष 16 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन और तिलहनों की फसलें लगेंगी जोकि पिछले वर्ष से चार हजार 815 हेक्टेयर अधिक होगा। पिछले वर्ष 12 हजार 435 हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन-तिलहनी फसलों की खेती की गई थी। चालू खरीफ मौसम में कोरबा जिले में धान के रकबे में तीन हजार 049 हेक्टेयर की कमी कर 95 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लेना प्रस्तावित है। इसी प्रकार धान, ज्वार, मक्का, कोदो, कुटकी को मिलाकर जिले में चालू खरीफ मौसम में एक लाख तीन हजार 200 हेक्टेयर क्षेत्र में अनाज की फसलें ली जायेंगी।
उप संचालक कृषि एम.जी.श्यामकुंवर ने बताया कि कोरबा में चालू खरीफ मौसम में 11 हजार छह सौ हेक्टेयर क्षेत्र में दलहनी और पांच हजार 50 हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहनी फसलें लगाई जायेगी। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दलहनी फसलों का रकबा दो हजार 538 हेक्टेयर और तिलहनी फसलों का रकबा लगभग एक हजार 677 हेक्टेयर बढ़ेगा। जिले में चालू खरीफ मौसम में 18 हजार पांच सौ हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी व अन्य दूसरी फसलें ली जायेगी। सब्जी व अन्य फसलो का रकबा इस वर्ष दो सौै हैक्टेयर बढ़ेगा। श्री श्यामकुंवर ने बताया कि इस वर्ष खरीफ मौसम में साढ़े 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रोपा पद्धति से और साढ़े 68 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोता पद्धति से धान की खेती होगी। जिले में अभी तक हुई वर्षा के आधार पर खेतों में नमी और पानी को देखते हुए किसानों ने 16 हजार 353 हेक्टेयर क्षेत्र में धान के बीज बो दिये हैं। उप संचालक ने बताया कि आठ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का, 150 हेक्टेयर क्षेत्र में कोदो-कुटकी और पांच हेक्टेयर क्षेत्र में ज्वार की फसल ली जायेगी। किसानों ने अभी तक छह हजार 49 हेक्टयर क्षेत्र में मक्के की बोनी पूरी कर ली है।
उप संचालक ने बताया कि चालू खरीफ मौसम में चार हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अरहर, तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र में उड़द, तीन हजार 600 हेक्टेयर क्षेत्र में कुल्थी व अन्य फसलें तथा एक हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग की खेती होगी। इसी प्रकार दो हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में तिल, एक हजार पांच सौ हेक्टेयर क्षेत्र में रामतिल और एक हजार पचास हेक्टेयर क्षेत्र में मूंगफली की बोनी की जायेगी। इस बार खरीफ के मौसम में 18 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी एवं अन्य फसलों की खेती होगी। उप संचालक ने बताया कि अभी तक कुल लक्ष्य के हिसाब से जिले में लगभग 78 प्रतिशत बोनी हुई है। 77.94 प्रतिशत क्षेत्र में धान, 77.64 प्रतिशत क्षेत्र में अनाज और 22.29 प्रतिशत क्षेत्र में सब्जी फसलों के बीज बोये जा चुके हैं। जिले में मूंगफली 19.05 और तिल 45.60 प्रतिशत क्षेत्र में बोनी पूरी कर ली गई है। मौसम को देखते हुए आगामी दिनों में खेती-किसानी के काम में तेजी आयेगी।
जिले में अभी तक खेती के लिए 20 हजार 88 क्विंटल बीज का भंण्डारण- कृषि विभाग के उप संचालक श्री एम.जी.श्यामकुंवर ने बताया कि जिले में इस वर्ष खरीफ मौसम में किसानों को वितरित करने के लिए धान की आठ वेरायटियों के बीज समितियों में भंडारित किये गये हैं। अभी तक जिले में धान, मक्का, अरहर, उड़द, सन ढेंचा जैसी फसलों की खेती के लिए 20 हजार 88 क्विंटल बीज का भंण्डारण कर लिया गया है। जिसमें से अभी तक 17 हजार 842 क्विंटल बीज किसानों ने खेतों में बोने के लिए उठाया है। जिले के किसानो द्वारा सर्वाधिक धान बीज 17 हजार 218 क्विंटल का उठाव किया जा चुका है। किसानों को इस साल धान की खेती के लिए स्वर्णा, एमटीयू 1010, एमटीयू 1001, एचएमटी, राजेश्वरी, बीपीटी 5204, इंद्रा एरोबिक और आरपीबायो 226 प्रजाति के बीज उपलब्ध कराये जा रहे है।
जिले में अभी तक 10 हजार 953 टन रासायनिक उर्वरक का भंण्डारण- उपसंचालक कृषि श्री श्यामकुंवर ने बताया कि जिले में अभी तक दस हजार 953 टन रासायनिक उर्वरकों का भण्डारण किया जा चुका है। जिसमें से जिले के किसानो द्वारा नौ हजार 44 टन उर्वरको का का उठाव किसानो द्वारा किया जा चुका है। जिले में अभी भी एक हजार 908 टन रासायनिक उर्वरक उठाव के लिए सोसाइटियो में शेष है। भण्डारित उर्वरको में सर्वाधिक मात्रा यूरिया का है। यूरिया पांच हजार 17 टन, डीएपी दो हजार 453 टन, एमओपी 492 टन, एसएसपी दो हजार 299 टन और एनपीके 689 टन भण्डारण किया गया है। जिले के किसानो ने अभी तक सर्वाधिक मात्रा में यूरिया का उठाव किया है। यूरिया चार हजार 353 टन, डीएपी दो हजार 78 टन, एमओपी 359 टन, एसएसपी एक हजार 709 टन और एनपीके 544 टन का उठाव अभी तक किसानो द्वारा किया जा चुका है।