अपनी दहशत के दम पर करोड़ों रुपए की उगाही करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की काली कमाई कहां गई, यह एक बड़ा सवाल है। उसका रहन-सहन और पहनावा साधारण था। मारे जाने के बाद उसके खातों से भी बहुत ज्यादा रकम का खुलासा नहीं हुआ है। दबंगई और गुंडई के अलावा उसका अन्य कोई शौक भी सामने नहीं आया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल जांच एजेंसियों के सामने यही खड़ा हो गया है कि आखिर हर महीने एक करोड़ की उगाही करने वाले विकास की रकम गई कहां? यही वजह है कि प्रवर्तन निदेशालय ने विकास के अलावा उसके खास गुर्गों के खातों और पैसों के लेन-देन को खंगालना शुरू कर दिया है।
अभी तक की जांच में एजेंसियों को जो सूत्र मिले हैं, उसके मुताबिक विकास की हर महीने की कमाई 90 लाख से 1.20 करोड़ रुपए थी। ईडी सूत्रों के मुताबिक आतंक के दम पर कमाई गई रकम का बड़ा हिस्सा आमतौर पर अय्याशी में खर्च किया जाता है। महंगी शॉपिंग, विदेश यात्राएं, हवाई यात्राएं और प्रापर्टी व बैंकों के जरिए लेनदेन होता है। यही गलती ईडी के लिए सॉफ्ट टारगेट बन जाती है और आसानी से काले धंधों की परत खुल जाती है लेकिन विकास दुबे के मामले में ऐसा कुछ सामने नहीं आ रहा है। इसलिए उसकी काली कमाई बाहर लाने में दिक्कतें आ रही हैं।