नई दिल्ली(एजेंसी):केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 9वीं से 12वीं तक के छात्र फिलहाल छात्र सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’की कविता बादल राग, हरिवंश राय बच्चन की आत्म परिचय और कुंवर नारायण की बात सीधी थी पर जैसी कविताएं नहीं पढ़ सकेंगे। इसके अलावा हजारी प्रसाद द्विवेदी और नागार्जुन की भी रचनाओं को इस साल पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। कोरोना के चलते स्कूल-कॉलेज बंद चल रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। ऐसे मुश्किल समय में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत कम कर बच्चों को राहत देने की कोशिश की है।
12 वीं हिन्दी गद्य खण्ड से विष्णु खरे की चार्ली चैपलिन यानी हम सब, हजारी प्रसाद द्विवेदी की बहुचर्चित कहानी शिरीष के फूल को हटा दिया गया है। इसी तरह 10वीं के पाठ्यक्रम से जयशंकर प्रसाद का आत्मकथ्य, नागार्जुन की यह दन्तुरित मुस्कान और फसल, मन्नू भंडारी की एक कहानी यह भी, महावीर प्रसाद द्विवेदी की स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन जैसे चैप्टर को हटाया गया है। इसके अलावा यतीन्द्र मिश्र की नौबत खाने में इबादत और भदंत, आनंद कौसल्यायन का संस्कृति पाठ भी इस बार नहीं पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा गिरिजाकुमार माथुर का छाया मत छूना, मंगलेश डबराल का संगतकार। इसके साथ ही विज्ञान, गणित एवं सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में भी कटौती की गई है।
ये भी पाठ्यक्रम से बाहर
कृतिका भाग 2 से एही ठैयां झुलनी हेरानी हो रामा और मैं क्यों लिखता हूं को पाठ्यक्रम से बाहर किया गया है।
इंटर हिंदी में हटे काव्य और गद्य के पाठ
लेखक – पाठ
-सूर्यकांत त्रिपाठी निराला- बादल राग
-हरिवंश राय बच्चन- आत्मपरिचय
-आलोक धन्वा – पतंग
-कुंवर नारायण – बात सीधी थी पर
-उमाशंकर जोशी- छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख
– विष्णु खरे—- चार्ली चैप्लिन यानी हम सब
-हजारी प्रसाद द्विवेदी- शिरीष के फूल
11 वीं अंग्रेजी से ये टॉपिक हटे
11 वीं फ्लेमिंगो में पोयट एंड पैंकेक्स, द इंटरव्यू, गोइंग प्लेस टॉपिक हटाए गए। विस्टास में द टाइगर किंग, जर्नी टू द इंड ऑफ द अर्थ और मेमोरिस ऑफ चाइल्डहुड को पाठ्यक्रम से बाहर कर दिया गया है। राइटिंग में पोस्टर मेकिंग, बिजनेस ऑर ऑफिसियल लेटर्स और स्पीच, डिबेट को इस बार नहीं पढ़ाया जाएगा। वहीं 10वीं अंग्रेजी से राइटिंग से पांच, ग्रामर से चार, लिट्रेचर के चार चैप्टर हटाए गए हैं।
अजय शाही (अध्यक्ष स्कूल एसोसिएशन गोरखपुर) ने कहा, कोरोना की वजह से नया सत्र काफी पीछे हैं। इसी को देखते हुये बोर्ड ने पाठ्यक्रम को घटाया है। इससे छात्रों को कोर्स पूरा करने में आसानी होगी। नये पाठ्यक्रम के आधार पर पढ़ाई शुरू करा दी गई है।
अर्चना पाण्डेय (हिन्दी शिक्षिका, एकेडमिक ग्लोबल) ने कहा, बोर्ड का निर्णय सराहनीय है। इससे अब तय समय में बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। मानक के अनुरूप शिक्षक भी पढ़ा सकेंगे।