एक लाख 15 हजार बच्चों, शिशुवती एवं गर्भवती माताओं के घरों में पहुंचा पोषण आहार लगभग 53 हजार बच्चों और शिशुवती माताओं को मिला सूखा राशन  आगामी दिनों के लिए तेल, नमक, सोया बड़ी, आचार भी दिये गये

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कोरबा@M4S:कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण के दौरान बंद स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर पूरे राज्य सहित कोरबा जिले में भी कोविड-19 आपदा के दौर में शासन ने बच्चों का खास ध्यान रखा। लाॅकडाउन पीरिएड में बच्चों का पोषण किसी तरह बाधित न हो इसलिए सभी बच्चों के घरों में मध्यान्ह भोजन का सूखा राशन उपलब्ध कराया गया। साथ ही ग्रीष्मकाल में भी बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था हेतु सूखा राशन उपलब्ध कराया गया। जिले में बच्चों और शिशुवती-गर्भवती माताओं के घर-घर जाकर दो चरणों में रेडी टू ईट एवं मध्यान्ह भोजन के सूखा राशन के पैकेट वितरण हुआ। प्रथम चरण में जिले के ढाई हजार से अधिक अंागनबाड़ी केन्द्रांे में दर्ज 6 माह से 3 वर्ष के तथा 3 से 6 वर्ष के लगभग 94 हजार बच्चों को पूरक पोषक आहार रेडी टू ईट घर-घर जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उपलब्ध कराया साथ ही जिले की 10 हजार 719 शिशुवती एवं 10 हजार 669 गर्भवती माताओं को भी रेडी टू ईट के पैकेट दिये गये।
     दूसरे चरण में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत् 01 से 03 वर्ष के 42 हजार 203 बच्चों एवं 10 हजार 719 शिशुवती माताओं को गर्म पका भोजन के स्थान पर सूखा राशन दिया गया। दूसरे चरण में चांवल, मिक्स दाल, चना, सोया बड़ी, गुड़ एवं तेल का पैकेट सुपोषण किट के रूप में  दिया गया जिससे आवश्यकतानुसार बच्चों और शिशुवती माताओं को पूरा पोषण मिला। आंगनबाड़ी केंद्रों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था निरंतर होने से लाॅकडाउन के बावजूद किसी तरह की दिक्कत नहीं आई। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों, पर्यवेक्षकों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की। सूखा राशन लेने अपने बच्चों के साथ पहुंचे अभिभावकों ने भी सरकार की इस व्यवस्था की तारीफ की और बच्चों तथा माताओं के पोषण और स्वास्थ्य का ऐसे विपरीत समय में भी ध्यान रखने पर आभार जताया। पोषण के लिए जरूरी प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा देने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को प्रति छात्र प्रतिदिन 15 ग्राम के हिसाब से 390 ग्राम सोया बड़ी दी गई। साथ ही शिशुवती माताओं को 30 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से इस प्रकार 780 ग्राम सोया बड़ी सूखा राशन का पैकेट दी गई।
     जिले में ढाई हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों में अभी भी गर्म पका भोजन के स्थान पर सूखा राशन वितरण कार्यक्रम संचालित है। इसमें कोरबा ब्लाॅक के 554 आंगनबाड़ी, कटघोरा ब्लाॅक के 277 आंगनबाड़ी, करतला ब्लाॅक के 393 आंगनबाड़ी पाली ब्लाॅक के 582 आंगनबाड़ी एवं पोंड़ीउपरोड़ा ब्लाॅक के 733 आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्म पका भोजन के स्थान पर सूखा राशन वितरण कार्यक्रम संचालित है। इसमें से  2539 आंगनबाड़ियों में स्व सहायता समूहों द्वारा गर्म पका भोजन का संचालन होता है। इन सभी में सूखा राशन का पैकेट का वितरण किया जा चुका है। लाॅकडाउन के दौरान क्वारांटाईन सेन्टरों में ठहराये गये प्रवासी मजदूरों के साथ उनके परिवार के 35 गर्भवती, 18 शिशुवती, 264 छः माह से 6 वर्ष के बच्चे एवं 41 किशोरी बालिकाओं को क्वारांटाईन सेन्टरों मंे ही रेडी टू ईट पैकेट का वितरण किया गया जिससे उन्हें अतिरिक्त पोषण मिल सके।

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