उज्जैन(एजेंसी):12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में हर वर्ष सावन माह में निकलने वाली सवारी को लेकर मंगलवार (30 जून) को महाकाल प्रबंध समिति की बैठक हुई। दरअसल, कोरोना संकट के बीच इसके दर्शन में दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु शामिल नहीं हो पाएंगे। साथ ही सावन माह में ही आने वाली नाग पंचमी पर हर साल में एक दिन खुलने वाला नाथ चंद्रेश्वर मंदिर के भी दर्शन श्रद्धालुओं को नहीं नसीब होगा। इसके मद्देनजर बैठक में बड़े फैसले लिए गए। इस साल श्रद्धालुओं को ऑनलाइन दर्शन करने होंगे।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर करीब 84 दिनों तक बंद रहा। अब अनलॉक 1 में मंदिर को खोल दिया गया है, लेकिन सीमित मात्रा में श्रद्धालुओं को दर्शन करने की इजाजत मिल पाई है। वहीं 6 जुलाई से भगवान शिव का प्रिय माह सावन शुरू होने जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते और बाबा महाकाल के दर्शन करते थे। इसके साथ ही सावन के प्रति सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकलती है, जिसमें शामिल होने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आते थे, लेकिन महाकाल मंदिर समिति ने कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है।
इस बार महाकाल मंदिर से निकलने वाली सवारी में श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं मिलेगा। साथ ही वर्षों पुराने परंपरागत सवारी के रूट को भी बदल दिया गया है। सवारी महाकाल मंदिर से बड़ा गणेश मंदिर, सिद्धा आश्रम होते हुए रामघाट तक पहुंचेगी। वहीं राम घाट पर पूजन के बाद रामानुज कोट होते हुए हरसिद्धि की पाल और फिर महाकाल मंदिर पहुंचेगी।
मंदिर समिति के मुताबिक, इस बार श्रद्धालु ऑनलाइन सोशल मीडिया के माध्यम से ही घर बैठे सवारी के दर्शन कर पाएंगे। इसके अलावा नाग पंचमी पर साल में एक बार खुलने वाला नागचंद्रेश्वर मंदिर भी इस बार श्रद्धालुओं के लिए नहीं खुल पाएगा। बता दें कि इस दिन मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन करते आते थे, लेकिन, कोरोना संकट के चलते मंदिर समिति के अध्यक्ष कलेक्टर उज्जैन ने कहा है कि नागचंद्रेश्वर भगवान और सावन माह की सभी सवारियां श्रद्धालु घर बैठे ऑनलाइन दर्शन कर सकते हैं।
इसके साथ श्रावण माह के पहले सोमवार 6 अगस्त से महाकाल मंदिर में दर्शनार्थियों को प्रवेश सुबह 5:30 बजे से शाम को 7:00 बजे तक मिल पाएगा। साथ ही किसी भी प्रकार की कांवड़ यात्रा को उज्जैन में प्रवेश नहीं मिलेगा। इसके लिए उज्जैन कलेक्टर सभी जिलों के कलेक्टरों से को एक पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दे रहे हैं।