45 साल के पुष्कर धामी होंगे उत्तराखंड के सबसे युवा CM, जानें छात्र नेता से मुख्यमंत्री बनने तक का सफर

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देहरादून(एजेंसी):उत्तराखंड के मुख्यमंत्री खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी होंगे। भाजपा प्रदेश कार्यालय में विधानमंडल की बैठक के बाद धामी के नाम पर मुहर लग गई है। केंद्रीय मंत्री और पर्यवेक्षक नरेंद्र तोमर एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम सहित पूर्व मुख्यमंत्रियों तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा सांसदों और विधायकों की मौजूदगी में धामी के नाम पर मुहर लग गई है। धामी उत्तराखंड में खटीमा विधानसभा से विधायक हैं। उत्तराखंड प्रदेश के अति सीमान्त जनपद पिथौरागढ की ग्राम सभा टुण्डी, तहसील डीडी हाट में उनका जन्म 16 सितंबर 1975 को हुआ।
45 वर्षीय धामी उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने हैं। सैनिक पुत्र होने के नाते उनमें अनुशासन कूट-कूट कर भरा हुआ है। महाराष्ट्र के राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के वह सलाहकार भी रह चुके हैं। धामी के पास संगठन का बहुत लंबा अनुभव भी है, लेकिन सत्ता का अनुभव मुख्यमंत्री बनने के बाद मिल पाएगा। धामी के मुख्यमंंत्री बनने के बाद उनके नेतृत्व में ही ही 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी उनको बधाई देने के बाद कहा कि धामी बहुत ही ज्यादा ऊर्जावान कार्यकर्ता हैं। चूकिं, वह उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने हैं इसलिए युवाओं का पूरा स्पोर्ट मिलेगा।

पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि धामी ऊर्जावान होने के साथ ही युवा हैं, जो पार्टी को मजबूती देने के साथ ही 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करवाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा उत्तराखंड में एक मजबूत पार्टी है, जो पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज कराएगी। कहा कि उनके अनुभव से प्रदेश को बहुत फायदा मिलेगा। सूत्रों की मानें, तो शपथ ग्रहण समाराेह कल रविवार को होगा
शैक्षिक योग्यता – स्नातकोत्तर
व्यावसायिक – मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध के मास्टर
धामी का बचपन: धामी का बचपन से ही सेना के प्रति लगाव रहा है। स्काउट्स, एनसीसी में जुड़े रहे। धामी साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी पहचान रखते हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी वह जुड़े हुए थे। लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों को एक जुट करके संधर्षशाील रहते हुए उन्होंने छात्रों के हितों की लड़ाई भी लड़ी है।
राजनीतिक जीवन:1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों में रहकर विद्यार्थी परिषद में कार्य करने का अनुभव है। इसी दौरान अलग-अलग दायित्वों के साथ-साथ प्रदेश मंत्री के तौर पर लखनऊ में हुये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन में संयोजक एवं संचालन कर प्रमुख भूमिका भी निभाई है। पूर्व मुख्यमंत्री के साथ एक अनुभवी सलाहकार के रूप में 2002 तक कार्य करने का भी अनुभव है। दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए 2002 से 2008 तक प्रदेशभर में जगह-जगह भ्रमण कर बेरोजगार युवाओं को संगठित करके विशाल रैलियां भी आयोजित की गई है।

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