रायपुर। रमजान के पवित्र महीने के मुताबिक आज 29 रोजा था, और चाँद कहीं भी नजर नहीं आया। हालांकि इस दौरान कवर्धा जिले के एक गांव में चाँद दिखाई देने की जानकारी मिली, मगर विधिवत तरीके से उसकी तस्दीक नहीं होने से अब पूरे 30 रोजे रखने के बाद 3 मई को ईद का त्यौहार मनाया जायेगा।
आज शाम को इफ्तार के समय सभी रोजेदार चाँद के दीदार के लिए आकाश की ओर टकटकी लगाए हुए थे, मगर राजधानी रायपुर सहित कहीं भी चाँद के नजर आने की खबर नहीं आयी। कुछ देर बाद सोशल मीडिया में कवर्धा जिले के एक गांव रेंगाखार में पेश इमाम के द्वारा चाँद को देखे जाने की सूचनाएं आने लगीं। सभी तस्दीक के लिए कवर्धा जाने की तैयारी करने लगे। इस दौरान कवर्धा में काफी गहमा-गहमी रही, और मुस्लिम जमात के अध्यक्ष शमीम खान गौरी तथा अन्य ने रेंगाखार के पेश इमाम कारी इमरान को कवर्धा तलब किया।
ग्राम रेंगाखार के पेश इमाम कारी इमरान ने बताया कि उनके साथ हाफिज अब्दुल मजीद ने भी आकाश में चाँद का दीदार किया है। हालाँकि शरीयत के जानकार पेश इमाम कारी इमरान ने यह भी कहा कि चूंकि और किसी दूसरी जगज पर चाँद नहीं दिखा और उन्होंने केवल दो लोगों ने ही चाँद को देखा है, ऐसे में केवल दो लोगों की गवाही से चाँद की तस्दीक नहीं होगी, इसलिए सभी रमजान का 30 वां रोजा भी रखेंगे और ईद का त्यौहार 3 मई को मनाया जायेगा। कारी इमरान के बयान के आधार पर कवर्धा के मुस्लिम जमात के अध्यक्ष शमीम खान गौरी ने भी 3 मई को ईद मानाने का ऐलान किया।