कोरबा@M4S: जिले के अंतिम छोर में बसे श्यांग को जोडऩे 29 साल पहले डब्ल्यूबीएम सडक़ का निर्माण कराया गया था, लेकिन अब तक सडक़ को जीर्णोद्धार का इंतजार है। इसकी वजह से आसपास के 25 से अधिक गांवों के लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गर्मी के समय धूल व गिट्टी से परेशान रहते हैं तो बारिश में कीचड़ परेशान करती है। अब अब इस सडक़ के जीर्णोद्धार की आस जगी है।
श्यांग गांव को कुदमुरा से जोडऩे के लिए राशि भी मिली पर 35 में से मात्र 23 किलोमीटर का डामरीकरण कर छोड़ दिया गया। 12 किलोमीटर सडक़ अब भी खराब है। दो बार बजट में भी शामिल किया गया लेकिन प्रशासकीय मंजूरी नहीं मिलने के कारण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पायी। श्यांग की दूरी जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर है। कुदमुरा से श्यांग की दूरी 35 किलोमीटर है। जिला मुख्यालय आने के लिए दो सडक़ें हैं लेकिन श्यांग को जोडऩे के लिए 12 किलोमीटर की सडक़ नहीं बन पायी है। पीडब्ल्यूडी सडक़ के नाम पर प्रस्ताव प्रस्ताव का ही खेल चलता रहा है। इस सडक़ का डब्ल्यूबीएम वर्ष 1994 में राष्ट्रीय ग्रामीण भूमिहीन रोजगार योजना के तहत हुआ था। डामरीकरण को लेकर 29 साल पहले शुरू हुई कवायद अब तक आधी अधूरी ही है। सडक़ पर वाहन से चलना तो दूर पैदल भी चलने में परेशानी होती है। दूसरी ओर लेमरू-श्यांग के बीच सडक़ बनकर तैयार है लेकिन जिला मुख्यालय आने के लिए इसकी दूरी अधिक है। सडक़ को लेकर प्रशासन ने संज्ञान लिया है ।अधिकारियों का कहना है कि सडक़ को बीटी रोड बनाए जाने की आवश्यकता है ।पूर्व में इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इसकी स्वीकृति मिल जाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि शीघ्र ही चिर्रा श्यांग की जर्जर सडक़ के दिन बहुरेंगे। चिर्रा से श्यांग सडक़ जर्जर, जिस पर से होकर 25 गांवों के लोग आवाजाही करते हैं। पक्की सडक़ न होने से इन गांवों के लोग परेशान हो रहे हैं।कुदमुरा-श्यांग की सडक़ का नियमित उपयोग दोनों गांवों के अलावा अमलडीहा, सिमकेंदा, गुरमा, छिरहुट, लबेद, ठेंगरीमार, सरसाडेवा, चिर्रा, पतरापाली, एलोंग, डूमरडीह, गिरारी, गितकुंवारी, कलमीटिकरा, बासिन, जिल्गा, कटकोना, राहाडीह, सरनीडेरा, बरपाली समेत 25 गांव के ग्रामीण करते हैं। इन गांवों की आबादी लगभग 28 हजार है। जगह-जगह बड़े बोल्डर, गड्ढे होने से सडक़ पर आवागमन करना आसान नहीं है। दूसरी ओर मुख्य मार्ग से इन गांवों तक पहुंचने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत पक्की सडक़ का निर्माण हो गया है लेकिन मुख्य मार्ग में आते ही लोग परेशान हो जाते हैं। इस मार्ग से होकर लोग धरमजयगढ़ जाते हैं। श्यांग से आगे धनपुरी होते हुए मांड नदी तक कच्ची सडक़ है। बोड़ों के पास पुल पार करने के बाद रायगढ़ जिला आ जाता है। दूसरी सडक़ गुरमा, उतरदा होते हुए दुर्गापुर, धरमजयगढ़ की ओर निकलती है।