2030 तक डेढ़ हजार मिलियन टन कोयला उत्पादन का रोड मैप जिले की मेगा परियोजनाओं का होगा अहम रोल

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कोरबा@M4S: कोल इंडिया ने वर्ष 2030 तक के लिए डेढ़ हजार मिलियन टन कोयला उत्पादन टारगेट तय किया है। मेगा परियोजनाओं के दम पर इस कठिन लक्ष्य को हासिल करना होगा। इसमें जिले की मेगा परियोजनाओं का अहम रोल होगा ।इसके लिए प्रबंधन ने तैयारियां भी शुरू कर दी है ।आगामी वर्षों में भारी भरकम लक्ष्य को हासिल करने की चुनौती के साथ काम किया जाएगा ।

 


आगामी 8 वर्षों में कोल इंडिया डेढ़ हजार टन तक कोयला उत्पादन करेगा। कोल इंडिया प्रबंधन ने इसके लिए रोड मैप भी तैयार कर लिया है। इस लक्ष्य में एसईसीएल की भूमिका अहम होगी। एसईसीएल की खदानों से आगामी वर्षों में 250 मिलियन टन कोयला उत्पादन की योजना है। भविष्य में देश की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान मे रखकर कोल इंडिया प्रबंधन काम कर रहा है। बिजली की मांग बढऩे के साथ ही कोयले की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए कोल इंडिया खदानों के विस्तार व नए खदानों पर कार्य तेजी से आगे बढ़ा रहा है। इसी कड़ी में कोयला उत्पादन 1.5 हजार मिलियन टन तक करने का लक्ष्य रखा गया है। इस अवधि तक एसईसीएल की भी उत्पादन क्षमता में बढोत्तरी होना है। इसके लिए तैयारियां भी की जा रही है। खदानों में नई तकनीक का समावेश होने के साथ जरूरी संसाधन भी उपलब्ध होंगे।

कोयला लोडिंग व डिस्पैच बढ़ाने पर भी फोकस
कोयला उत्पादन बढ़ाने के साथ ही लोडिंग और डिस्पैच में भी तेजी लाने विशेष फोकस किया जा रहा है। खदानों से कोयले के सड़क परिवहन को समाप्त करने के लिए फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाओं के तहत मशीनीकृत कोयला परिवहन व लोडिंग सिस्टम को अपडेट करने के लिए कदम उठाए हैं। इससे कोयला लोडिंग व डिस्पैच में तेजी आएगी। 51 परियोजनाओं पर लगभग 18 हजार करोड़ रुपए निवेश का लक्ष्य है। वित्त वर्ष 2025 तक इन्हें चालू कर लिया जाएगा। सीआईएल ने कोयले के उत्पादन में नई परियोजनाएं शुरू की हैं, इसलिए वित्त वर्ष 2020-27 के दौरान 317 एमटी क्षमता वाली 17 अतिरिक्त एफएमसी परियोजनाओं को लागू करने का प्रस्ताव किया गया है।

जिले की खनिज राजस्व आय में होगा इजाफा
वर्तमान में एसईसीएल का लगभग 80 फ़ीसदी से अधिक कोयला जिले की कोयला खदानों से ही उत्पादन किया जा रहा है ।आगामी 8 वर्षों के डेढ़ हजार मिलियन टन  कोयला उत्पादन के लक्ष्य से जिले की खदानों से उत्पादन बढऩा तय है । इससे खनिज राजस्व के साथ जिले के विकास के लिए डीएमएफ में आने वाली राशि में भी बढोत्तरी की उम्मीद है।

8 साल में दोगुना से ज्यादा उत्पादन
कोल इंडिया को जहां इस वर्ष 700 मिलियन टन वार्षिक कोयला उत्पादन कार टारगेट मिला है। जिसे आगामी 8 वर्ष में दोगुना से ज्यादा करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं एसईसीएल की बात करें तो चालू वित्त वर्ष में एसईसीएल का लक्ष्य 182 मिलियन टन है। एसईसीएल की गेवरा, दीपका, कुसमुंडा व कोरबा एरिया की खदानों से हर वर्ष रिकार्ड कोयला उत्पादन होता है। इस साल जिले से 135 मिलियन टन कोयला निकलेगा। प्रबंधन इन कोयला खदानों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की कोशिश में जुटी है।

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