न्यूज़ डेस्क@M4S:आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है। ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि भारत ने आजादी के बाद से अब तक क्या-क्या हासिल किया है। पोलियों को भगाने से लेकर खुले में शौच मुक्त होने तक, भारत ने बेहद लंबा और सफलता से भरा सफर तय किया है। अगर हम बिजली आपूर्ति की बात करें तो आज पूरे देश में बिजली हर घर पहुंच चुकी है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में बताया कि देश के 100 प्रतिशत गावों में बिजली पहुंचाने का काम पूरा हो चुका है। यानी अब देश के हर उस गांव तक बिजली पहुंच चुकी है जो जनगणना के अंतर्गत आता है। लेकिन क्या आपको पता है कि आजादी के तीन साल बाद यानी 1950 में हमारे देश के केवल 3 हजार गावों तक ही बिजली पहुंची थी। 1947 का कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। लेकिन 1950 में संविधान लागू होने के बाद देश के केवल 3 हजार गांव बिजली की पहुंच में थे।
देश में बिजली आपूर्ति का 75 सालों में क्या हुआ?
1950 में 3 हजार गावों के बाद ये आंकड़ा 1961 में बढ़कर 21754 गांवों तक पहुंच गया। 1969 में 73 हजार 739 गांव बिजली से रौशन थे। वहीं 1980 में देश के 2 लाख 49 हजार 799 गांवों तक बिजली पहुंची। इसी तरह 1990 तक 4 लाख 70 हजार 838 गावों तक बिजली पहुंची। साल 2002 में भारत के 5 लाख 12 हजार 153 गांव बिजली से जगमग थे। अब साल 2022 में भारत के 5 लाख 97 हजार 464 गांवों तक बिजली आपूर्ति हो चुकी है।
केंद्र सरकार के मुताबिक देश के 100 फीसदी गावों तक बिजली पहुंच चुकी है। इस ऐतिहासिक कदम के लिए केंद्र ने अपनी दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना को श्रेय दिया है। मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही 2014 में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) शुरू की थी। इसका उद्देश्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और गैर-कृषि उपभोक्ताओं को विवेकपूर्ण तरीके से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना था।
बिजली मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम दिसंबर 2014 में सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए शुरू किया गया था। डीडीयूजीजेवाई के तहत, 2014-15 से 28 अप्रैल 2018 तक 18,374 बसे हुए गैर-विद्युतीकृत जनगणना वाले गांवों को विद्युतीकृत किया गया। डीडीयूजीजेवाई के तहत कुल 12,768,620 घरों को कवर किया गया। अब साल 2022 में केंद्र सरकार 100 फीसदी गावों में बिजली पहुंचाने का दावा कर रही है।