स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पम्प हाउस में बस की सुविधा न होने से छात्र-छात्राएं पढ़ाई से हो जाएंगे वंचित – मनीराम जांगड़े

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कोरबा@M4S: छत्तीसगढ़ शासन के  भूपेष बघेल  के द्वारा समूचे प्रदेश  के गरीब एवं मध्यमवर्गीय छात्र-छात्राओं को अच्छी से अच्छी षिक्षा मिले इस उद्देष्य से सैकड़ो  की तादाद में  स्वामी आत्मानंद इंगलिषमीडियम एवं हिंदी मीडीयम विद्यालय खोले जा रहे हैं जिसमें हमारे कोरबा जिले में भीकुल सात विद्यालय खोले गए हैं जिसका संचालन बहुत ही अच्छा हो रहा है एवं पालकगणअपने बच्चों में उक्त विद्यलाय में प्रवेष दिलाने में अत्यधिक रूचि दिखा रहे हैंएवं निष्चित ही विगत दो वर्ष पूर्व उक्त विद्यालय में अध्यनरत छात्र छात्राओं काअध्यापन का स्तर बढ़ा है। लेकिन विगत दो दिनों से हमारे कोरबा जिले के अंतर्गतस्वामी आत्मानंद इंगलिष मीडियम स्कूल पंप हाउस के छात्र छात्राएं एवं पालकगण बहुतही चिंतित है जिसका मुख्य कारण यह है कि उक्त विद्यलाय के कक्षा ९वींसे लेकर १२वी तक के छात्र छात्राएं नाबालिग है एवं यातायात नियम के अंतर्गतउक्त बच्चे मोटर साइकिल या बाईक  नहीं चलासकते,ऐसा करने पर उन्हें १०००/- रू. का चालान अर्थदंड के रूप मेंकटवाना पड़ रह है, जो कि सही भी हैं चूंकि नाबालिकों को मोटरसाईकिल नहीं चलाना चाहिए चूंकि विगत कई वर्षों से इस प्रकार से कृत्य से हजारों केतादाद में दुर्घटनाएं हुई हैं जिसमें जान-माल का भी नुकसान हुआ है। उक्त विद्यालयमें रामपुर,डिंगापुर, साडा कालोनी, पत्थर्रीपारा, चेकपोस्ट , रिसदी, खरमोरा से छात्र छात्राएं विद्यालय पढ़ने आतेहैं जिनका कि निवास स्थान अपने विद्यालय स्थ्ल से ५ से ६कि.मी. दूर है इस वजह से आने-जाने में बहुत कठिनाइयॉं होती है विषेषकर छात्राओं कोपरेषानियों का अधिक सामना करना पड़ रहा है। साथ ही पालकों के पास उन्हें विद्यालयलाने ले जाने का साधन न होने के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है साथ हीपरिवार के लोगों में भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ने लगी है।  इस संबंध में अखिल भारतीय सतनामी युवा कल्याण समिति के प्रदेष अध्यक्ष समाज सेवी मनीराम जांगड़े ने कोरबा कलेक्टर  संजीव झां एवं जिला शिक्षा  अधिकारी जी.पी.भारद्वाज को पत्र लिखकर मांग किया है कि उक्त बच्चों के लिए जिला प्रशासन की ओर से आने-जाने के लिए बस की सुविधा दी जाए साथ ही अगर प्रति छात्र उक्त बस का शुल्क रुपये १०००/- मासिक लिया जाता है तो पालकों को किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है। चूंकि अगर ऑटो रिक्शा किराया करते हैं तो ऑटो चालकों के द्वारा प्रति छात्र दो से तीन हजार रूपये मांगा जा रहा है। जिसके कारण उक्त पालक उक्त राशि खर्च कर ऑटो रिक्षा के किराया को देने में असमर्थ है। श्री जांगड़े ने आगेअपने पत्र में उल्लेख करते हुए जिला प्रषासन से इस गंभीर समस्या पर त्वरित ध्यानआकृष्ट करते हुए कार्यवाही करने की मांग की है ताकि छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमत्री. भूपेष बघेल  के भावनाओं के अनुरूप इन गरीब एवं मध्यवर्गीय छात्र छात्राओं कोअच्छी से अच्छी षिक्षा मिल सके। एक ओर जहां करोड़ों रूपये खर्च कर उक्त विद्यालयोंको सजाया संवारा गया है एवं हर एक पढ़ाई से संबंधित व्यवस्था किया गया है इसके लिएजिला प्रषासन एवं राज्य शासन बधाई के पात्र हैं। लेकिन ५ से ६ कि.मी. दूर से पढ़ने आने वाले विद्यार्थिंयो के लिए  आवागमन की सुविधा न होना दुर्भागयपूर्ण है।इसलिए बस की सुविधा अविलंब प्रदान किया जाए।

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