नई दिल्ली(एजेंसी):पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात नई दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। वह 67 वर्ष की थीं। एम्स के सूत्रों ने बताया कि स्वराज को रात 10 बजकर 15 मिनट पर गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया और उन्हें सीधे आपातकालीन वॉर्ड में ले जाया गया। जानकारी के मुताबिक सुषमा को दिल का दौरा पड़ने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था। भाजपा की वरिष्ठ नेता का 2016 में गुर्दा प्रतिरोपित किया गया था और स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। उन्होंने अपने अंतिम ट्वीट में कश्मीर पर सरकार के कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी। उन्होंने कहा था कि वह इस दिन का पूरे जीवनभर इंतजार कर रही थीं।
सुषमा स्वराज के 42 साल के राजनीतिक करियर पर एक नजर
सोनिया के खिलाफ बेल्लारी से चुनाव लड़ा
सुषमा के राजनीतिक करियर ने साल 1999 में बड़ा मोड़ लिया और उन्हें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ कर्नाटक की बेल्लारी सीट से चुनावी रण में उतारा गया। दरअसल भाजपा का यह कदम विदेशी बहू सोनिया गांधी के जवाब में भारतीय बेटी को उतारने की नीति का हिस्सा था। हालांकि सुषमा यह चुनाव हार गईं।
2009 में प्रधानमंत्री पद की दावेदार मानी जा रही थीं
इसके बाद वर्ष 2000 में सुषमा स्वराज राज्य सभा सांसद चुनी गईं और अटल बिहारी सरकार में फिर से सूचना प्रसारण मंत्री बनीं। इस दौरान न सिर्फ भाजपा बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी उनका कद काफी बढ़ गया था। यही कारण था कि साल 2009 में उन्हें भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री उम्मीदवार माना जा रहा था। हालांकि जब इन चुनावों में कांग्रेस फिर से सत्ता में आई तब स्वराज विपक्ष की नेता के तौर पर चुनी गईं।
इंदिरा गांधी के बाद दूसरी महिला विदेश मंत्री बनने का गौरव
नेतृत्व क्षमता के लिहाजा से सुषमा स्वराज को भाजपा में दूसरी पीढ़ी के सबसे दमदार राजनेताओं में गिना जाता रहा है। 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में उन्होंने विदिशा से जीत हासिल की। उनकी काबिलियत और पार्टी में उनके योगदान को देखते हुए मोदी ने उन्हें विदेश मंत्री बनाया। इंदिरा गांधी के बाद सुषमा स्वराज दूसरी ऐसी महिला थीं, जिन्होंने विदेश मंत्री का पद संभाला था।
2018 में चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर चौंकाया
सुषमा स्वराज ने नवंबर 2018 में स्वास्थ्य कारणों से 2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया। हालांकि, उसके बाद भी वह विदेश मंत्री बनी रहीं। इस घोषणा के बाद सुषमा के पति और पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल ने कहा था कि एक समय के बाद मिल्खा सिंह ने भी दौड़ना बंद कर दिया था। आप तो पिछले 41 साल से चुनाव लड़ रही हैं।