कोरबा@M4S: सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि पिछले 2 वर्षों से अधिक समय से शहर में सिटी बसों का संचालन बंद कर दिया गया है जिससे आम जनता व खासकर गरीबों में त्राहिमाम मचा हुआ है।
मजदूरों,गरीबों तथा मध्यम वर्ग के लिए सबसे सस्ता और निश्चित बस यात्रा जो सिटी बस के रूप में संचालित था। आज नगर निगम, जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण अनिश्चितता बनी हुई है। नगर निगम आयुक्त का कहना है कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए माननीय न्यायालय का आदेश आने तक हम कुछ नहीं कर सकते। श्री सिन्हा ने आगे बताया कि नगर निगम द्वारा सिटी बस संचालन करने वाली संस्था द्वारा पेट्रोल बढऩे के कारण किराया बढ़ाने को लेकर सिटी बस का संचालन नहीं किया । जिसके चलते नगर निगम ने पूर्व संचालन कर्ता से धरोहर राशि के रूप में जो एक करोड़ से ज्यादा है जप्त करने का आदेश दिया था । नगर निगम के आदेश के विरुद्ध सिटी बस संचालक ने माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में धरोहर राशि जप्त करने का विरोध किया है । मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
श्री सिन्हा ने बताया कि धरोहर राशि का बहाना बनाकर कोरबा के नगर निगम जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधि द्वारा रूचि नहीं लेने के कारण सिटी बसों का संचालन अधर में लटक गया है । माननीय हाईकोर्ट ने ऐसा कोई भी स्थगन या संचालन पर रोक का आदेश नहीं दिया है क्योंकि पूर्व सिटी बस संचालक व नगर निगम के बीच केवल धरोहर राशि लेने या या धरोहर राशि राजसात करने का ही मामला है । कोरबा में महापौर विधायक मंत्री एक ही दल के हैं । उनके निर्देश पर आम जनता के हित में सिटी बसों का संचालन हो सकता है लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा जनहित के मुद्दे जैसे – सिटी बस संचालन में रूचि नहीं लेने के चलते अनिश्चित काल के लिए सिटी बसों का संचालन अधर में लटक गया है जो आम जनता के लिए चिंता का विषय है ।
श्री सिन्हा ने नगर निगम व जिला प्रशासन से मांग की है कि आम जनता के हित में जल्द से जल्द सिटी बसों का संचालन प्रारंभ कराई जाए ताकि मजदूरों, गरीबों को एक-दूसरे शहर में जाकर मजदूरी कर सके।
सिटी बस संचालन में उपेक्षा के कारण बनी है अनिश्चिता:सिन्हा
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