शिक्षिका को दस माह से अनुपस्थित बताकर कर दिया बर्खास्त 

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प्राचार्य की लापरवाही, ड्यूटी किए जाने के बाद भी कर दिया बर्खास्त 
कोरबा@M4S:प्राचार्य की लापरवाही के कारण एक शिक्षिका पर बर्खास्तगी की कार्रवाई कर दी गई है। बकायदा जिला पंचायत में प्रस्ताव लाकर बर्खास्तगी की प्रक्रिया की गई है। लेकिन जिस दस माह की अवधि में शिक्षिका को अनुपस्थित बताकर कार्रवाई की गई है उस समयावधि में शिक्षिका द्वारा ड्यूटी की गई है। जिसके साक्ष्य में शिक्षिका के पास मौजूद हैं। मामले की शिकायत पीडि़त शिक्षिका ने कलेक्टर पी दयानंद से की है।
मामला पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के शासकीय हाईस्कूल लमना का है। यहां पदस्थ व्याख्याता पंचायत मंजूषा नायर ने स्कूल के प्राचार्य पर आरोप लगाया है। महिला का आरोप है कि प्राचार्य द्वारा उसे 19 जून 2014 से 10 अप्रैल 2015 तक कार्य से अनुपस्थित बताते हुए जिला पंचायत में इससे संबंधित पत्र दिया गया। प्राचार्य द्वारा बनाए गए इस पत्र के आधार पर जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में सर्व सम्मति से शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया गया। जबकि शिक्षिका मंजूषा नायर का कहना है कि 19 जून 2014 से 10 अप्रैल 2015 तक वह ड्यूटी पर तैनात थी। शिक्षिका द्वारा बकायदा उपस्थिति से संबंधित दस्तावेज भी शिकायत के दौरान कलेक्टर को उपलब्ध कराए गए हैं। शिक्षिका ने दस्तावेजों के साथ पहले प्राचार्य को कार्य में उपस्थित होने अवगत कराया। लेकिन प्राचार्य ने अपनी गलती छिपाने शिक्षिका को बहाल नहीं किया। चूंकि मामला जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में अनुमोदित हो चुका है। जिसके कारण अब शिक्षिका की बहाली में परेशानी हो रही है। लापरवाही पूर्वक कार्य कर बचने की मंशा से प्राचार्य और अधिकारी उसे न्यायालय की शरण लेने की राय दे रहे हैं। पीडि़त शिक्षिका ने जिला पंचायत के अध्यक्ष सहित सीईओ के अलावा अन्य अधिकारियों को भी मामले से अवगत कराया है। लेकिन अब तक मामले की जांच नहीं कराई गई है।
दिया उपस्थिति का साक्ष्य
जिस अवधि में शिक्षिका को अनुपस्थित बताकर बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है उस समयावधि में उपस्थिति संबंधित दस्तावेज भी पीडि़ता ने उपलब्ध कराए हैं। पीडि़ता के अनुसार उसने 19 जून 2014 से पांच अगस्त 2014 तक मेडिकल अवकाश लिया था। जिसके बाद 6 अगस्त से 30 अगस्त तक स्कूल में अध्यापन कार्य के लिए उपस्थित रहीं। एक सितंबर से 29 सितंबर 2014 तक पुन: मेडिकल अवकाश लिया। 30 सितंबर से 16 नवंबर 2014 तक शाला में उपस्थित रहीं। 17 नवंबर से 21 नवंबर 2014 तक डाइट कोरबा में प्रशिक्षण कार्य, 22 नवंबर 2014 से 23 दिसंबर 2014 तक शाला में अध्यापन कार्य, 24 दिसंबर 2014 से 10 जनवरी 2015 तक छग प्रदेश बास्केट बॉल टीम के प्रबंधक के रूप में ड्यूटी निभाई जिसमें बास्केट बॉल टीम ने स्वर्ण पदक भी हासिल किया। 11 जनवरी 2015 से 30 अप्रैल 2015 तक अध्यापन कार्य, बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी व बोर्ड कक्षा उत्तर पुस्तिका का मुल्यांकन कार्य किया गया। शिक्षिका का कहना है कि उपरोक्त अवधि में स्कूल में उपस्थित होने के दौरान स्कूली छात्रों के कापियों में उसका हस्ताक्षर देखा जा सकता है।
वेतन हर माह मिला 
शिक्षिका को जिस समयावधि में अनुपस्थित बताकर बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है। उस समयावधि में उसे वेतन भी प्राप्त हुआ है। पेय डॉटा पर प्राचार्य एवं सरपंच के हस्ताक्षर होने की बात भी सामने आई है।
क्या कहते है अधिकारी 
यह मामला जिला पंचायत का है। जिला पंचायत ही मामले की जांच कराकर कार्रवाई करेगा।
डीके कौशिक, जिला शिक्षिाधिकारी
शिक्षिका ने मेरे पास शिकायत की है । अगर उसे गलत तरीके से बर्खास्त किया गया है तो इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। शिक्षिका को संबंधित दस्तावेज, बैंक पेमेंट स्लीप, व अन्य कागजात प्रस्तुत करने कहा गया है।
देवी सिंह टेकाम, अध्यक्ष,जिला पंचायत 
मामला देखना पड़ेगा, मैं तत्काल में कुछ भी नहीं बता पाउंगी। मामला क्या है विभाग में पता करना पड़ेगा।
वंदना गभेल, एडिशनल जिपं सीईओ

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