कोरबा@M4S:छत्तीसगढ़ पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल पाली के शिक्षाविद प्राचार्य ,कैरियर काउंसलर तथा छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ के कोरबा जिला इकाई के कार्यकारी सह संयोजक डॉ. गजेंद्र तिवारी ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय में छात्र कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं और मिट्टी को आकार देना शिक्षक का कर्तव्य है सच यही है कि शिक्षकों के सृजन से ही छात्रों का भविष्य संवरता है शिक्षकों का दायित्व है कि वह छात्र के मस्तिष्क में उसकी रुचि के अनुसार उनमें भविष्य निर्माण के बीज रोपित करें छात्र जब प्राथमिक शिक्षा पूरी कर ले तो उसके मस्तिष्क में अंकुरित हुए भविष्य निर्माण के बीजों को संवारने का वक्त होता है यह कार्य छात्रों के भविष्य के साथ राष्ट्र निर्माण के लिए भी परम आवश्यक है ग्रामीण क्षेत्र के छात्र अपने लक्ष्यों का चयन करने की भूमिका से ही अवगत नहीं होते तथा उन्हें प्राप्त करने का प्रयास भी नहीं कर पाते ऐसे में शिक्षा का दायित्व और भी बढ़ जाता है।
डॉ.गजेंद्र तिवारी ने बताया कि इसी उद्देश्य को लेकर के छत्तीसगढ़ प्रगतिशील नवाचारी शिक्षक महासंघ (CGPITF) का गठन प्रत्येक जिला में किया जा रहा है , महासंघ का उद्देश्य ही विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास एवं देश की नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश में शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने में योगदान देना हैं। इसके तहत शिक्षकों के नवाचारी शैक्षणिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जावेगा । डॉ. गजेंद्र तिवारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ स्कूली एवं महाविद्यालय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की नई शिक्षा नीति के अनुरुप प्रदेश के शैक्षणिक कार्यों के उत्तरोत्तर विकास के लिए सभी जिले तथा विकासखंड में इकाई का गठन किया जा रहा है । कोरबा जिले में छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ की गतिविधियों के सुचारू संचालन एवं व्यापक विस्तार के लिए डा . गजेंद्र तिवारी को जिला सहसंयोजक बनाया गया है इस गठन के बाद डॉ. गजेंद्र तिवारी ने बताया कि शैक्षणिक गुणवत्ता के विकास एवं नवाचार शिक्षा गतिविधियों के विस्तार के लिए शासकीय,अशासकीय महाविद्यालय शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत विचारधारा को प्रसारित किया जा रहा है । अखिल भारतीय प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ की छत्तीसगढ़ प्रदेश इकाई अंतर्गत सभी जिले एवं विकासखण्ड में महासंघ की इकाई गठित की जा रही है । डॉ गजेंद्र तिवारी ने बताया कि शिक्षा को किस तरह से बिना खर्च और संसाधनों के बेहतर बनाया जा सकता है इसके लिए शिक्षक अपने शिक्षण को किस तरह से प्रभावी बना सकते हैं , शिक्षण प्रशिक्षण में कला शिल्प से सर्वांगीण विकास खेल खेल में शिक्षा सामुदायिक सहभागिता अभिनव शिक्षण तकनीकी बाल संसद ,दैनिक बालक अखबार ,छात्र प्रोफाइल , भविष्य सृजन,आदि सरल अंग्रेजी अधिगम ,कांसेप्ट मैपिंग चित्र के माध्यम से शिक्षा आदि बिंदुओं के आधार पर इस बात पर बल दिया गया कि पाठ पुस्तकों पर आधारित ज्ञानार्जन को गतिशील एवं स्थाई बनाने के लिए शिक्षा को प्रयोगात्मक एवं क्रियात्मक एवं बनाया जाना अति आवश्यक है
डॉ गजेंद्र तिवारी ने बताया कि जिले में छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ के गठन से जिले के नवाचारी शिक्षकों में हर्ष व्याप्त है उनके साथ – साथ ऐसे लोग जो शिक्षा से जुड़े हुए हैं चाहे वह शासकीय हो अशासकीय हो , इस इस यज्ञ में अपनी सर्वश्रेष्ठ भूमिका निभा सकते हैं । यह एक ऐसा मंच है जहां पर हर शिक्षक साथी बिना भेदभाव के समाज एवं छात्रों के विकास एवं उत्थान के लिए समर्पित होकर अपना योगदान दे सकेगा ।
शिक्षकों के सृजन से छात्रों का भविष्य संवरता है__ डॉ. गजेंद्र तिवारी
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