शानदार प्रबंधन का एक अद्भुत उदाहरण है कुंभः पीएम नरेंद्र मोदी

- Advertisement -

नई दिल्ली(एजेंसी):पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के दौरान निनौरा में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय विचार कुंभ के समापन मौके पर शनिवार को तमाम संत महात्माओं से धरती की समस्याओं पर प्रतिवर्ष सात दिन का विचार कुंभ करने का आग्रह किया है।

मोदी ने सार्वभौम अमृत संदेश जारी करते हुए कहा कि आदिकाल से चली आ रहे कुंभ के समय और कालखंड को लेकर अलग-अलग मत है, लेकिन इतना तय है कि यह मानव की सांस्कृतिक यात्रा की पुरातन व्यवस्था में से एक है। इस विशाल भारत को अपने में समेटने का प्रयास कुंभ मेले के द्वारा होता है।

उन्होंने कहा कि तर्क और अनुमान के आधार पर कहा जा सकता है कि समाज की चिंता करने वाले ऋषि-मुनी 12 वर्ष में एक बार प्रयाग में कुंभ में इकट्ठा होते थे, जिसमें वे विचार विमर्श करते हुए बीते वर्ष की सामाजिक स्थिति का अध्ययन करते थे। इसके साथ ही समाज के लिए अगले 12 वर्षों की दिशा तय करते थे।

उन्होंने आगे कहा कि प्रयाग से अपने-अपने स्थान पर जाकर संत महात्मा तय एजेंडे पर काम करने लगते थे। इतना ही नहीं तीन वर्ष में उज्जैन, नासिक, इलाहाबाद में होने वाले कुंभ में जब इकट्ठा होते थे तब उसमें इस बात पर विमर्श होता था कि प्रयाग में जो तय हुआ था, उस दिशा में क्या हुआ। फिर उसके बाद आगामी तीन वर्ष का एजेंडा तय होता था। यह एक अद्भुत सामाजिक संरचना थी, मगर धीरे-धीरे इसका रूप बदला। अनुभव यह है कि परंपरा तो रह जाती है मगर प्राण खो जाता है। कुंभ के साथ भी यही हुआ, अब कुंभ सिर्फ डुबकी लगाने, पाप धोने और पुण्य कमाने तक रह गया।

उन्होंने आगे कहा कि संतो के आशीर्वाद से उज्जैन में एक नया प्रयास प्रारंभ हुआ। यह प्रयास सदियों पुरानी परंपरा का आधुनिक संस्करण है। इस आयोजन में वैश्विक चुनौतियों और मानव कल्याण के क्या प्रयास हो सकते हैं, इस पर विचार हुआ है। इस मंथन से जो 51 अमृत बिंदु निकले है, समाज के लिए प्रस्तुत किए गए हैं।

उन्होंने समापन मौके पर मौजूद साधु संतो और अखाड़ों के प्रमुख से आह्वान किया कि वे जो 51 अमृत बिंदू निकले है, उनकी सभी परंपराओं के अंदर रहकर साधु संतों को प्रतिवर्ष एक सप्ताह का विचार कुंभ अपने भक्तों के बीच करने पर विचार जरूर करें। मोक्ष की बातें तो करें मगर एक सप्ताह ऐसा हो जिसमें धरती की सच्चाई पर चर्चा हो, उसमें यह बताया जाए कि पौधे क्यों लगाने चाहिए, बेटी को क्यों पढ़ाना चाहिए, धरती को स्वच्छ क्यों रखना चाहिए, नारी का गौरव क्यों करना चाहिए।

Related Articles

http://media4support.com/wp-content/uploads/2020/07/images-9.jpg
error: Content is protected !!