- Advertisement -
कोरबा@M4S: विधानसभा क्षेत्र हो या ब्लॉक, आबादी की दृष्टि से कोरबा शहर का दायरा सबसे बड़ा है। इसके विपरीत शासकीय कॉलेज में उपलब्ध सीटों की संख्या आवश्यकता के अनुरूप काफी कम है। फलस्वरूप सीटें भर जाने के बाद बड़ी संख्या में विद्यार्थी हर साल निजी उच्च शिक्षण संस्थाओं का रुख करने विवश होते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए 15 किलोमीटर के दायरे के भीतर शहर में एक नया कॉलेज शुरू करने की मांग सामने आई है। मांग को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने सर्वे रिपोर्ट तैयार कर शासन को प्रस्तुत करने अग्रणी महाविद्यालय को निर्देश दिए थे। अग्रणी संस्था के प्राचार्य डॉ. आरके सक्सेना ने बताया कि ईवीपीजी कॉलेज की ओर से इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार करने के साथ उच्च स्तर पर भेजा गया है।

उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या और सुविधा कि सीमित स्थिति को देखते हुए जरूरत महसूस की जा रही है कि जिला मुख्यालय के आसपास एक और शासकीय कॉलेज की स्थापना हो। संबंधित आधार पर इस दिशा में काम में शुरू किया गया है। प्रस्ताव पर अध्ययन और निर्णय लेने का काम उच्च शिक्षा विभाग करेगा। निगम के दूर वार्डों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को कॉलेज की पढ़ाई के लिए अभी भी दूर जाना पड़ता है। क्षेत्र के लोगों की ओर से रखी गई डिमांड पर शासन के समक्ष नए सरकारी कॉलेज शुरू करने की संभावनाओं की तलाश काफी पहले शुरू हो चुकी है। करीब सात वर्ष पहले उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त ने एक कमेटी का गठन करते हुए जिले भर में करीब 8 स्थानों और उसके आसपास कॉलेज की जरूरत, उपयोगिता, हितग्राहियों की संख्या व अधोसंरचना के लिए उपलब्ध संसाधनों की जानकारी तैयार कर उच्च शिक्षा विभाग के सुपुर्द कर दिया था। रिपोर्ट के आधार पर नए कॉलेज की शुरूआत करने की उम्मीद आज भी अधूरी है। नए कॉलेज के लिए प्रस्तावित क्षेत्रों में मोरगा, जटगा, कोरबी, रंजना, रामपुर (करतला), बांकीमोंगरा, पसान शामिल किए गए थे। उस समय टीम ने पोड़ी-उपरोड़ा, पसान व बांकीमोंगरा में सर्वे किया था, जिसमें तीन साल पहले जटगा में और बीते वर्ष बांकी-मोंगरा में कॉलेज खोल दिया गया। बाकी स्थानों पर अब तक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है। शहर के लिए शुरू की गई इस नई प्रक्रिया के तहत कोरबा से भेजे गए इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है और इस पर आगे काम होता है तो आने वाले समय में एक और शासकीय कॉलेज का संचालन जिले में होगा। इस व्यवस्था से उन छात्रों को लाभ हो सकेगा जो अध्ययन के लिए लंबी दूरी तय करने के साथ कोरबा पहुंचते हैं।
अभी शहर में सिर्फ 2 सरकारी कॉलेज उपलब्ध
वर्तमान में शहर में केवल दो शासकीय कॉलेज हैं, जिनमें एक ईवीपीजी व दूसरा मिनीमाता कन्या कॉलेज संचालित है। उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या और सुविधा कि सीमित स्थिति को देखते हुए जरूरत महसूस की जा रही है कि जिला मुख्यालय के आसपास एक और शासकीय कॉलेज की स्थापना हो। संबंधित आधार पर इस दिशा में काम में शुरू किया गया है। प्रस्ताव पर अध्ययन और निर्णय लेने का काम उच्च शिक्षा विभाग करेगा। स्कूली शिक्षा के बाद विद्यार्थियों के सामने आगे बढऩे के लिए कई प्रकार के विकल्प होते हैं। वे उच्च शिक्षा के लिए अलग-अलग संस्थाओं में अपनी दक्षता के हिसाब से संभावना तलाशते हैं और वहां प्रवेश लेते हैं। इसके जरिए उन्हें अपना भविष्य गढऩे में सहायता मिलती है। जिले में सरकारी कॉलेजों में विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आवश्यकता महसूस की जा रही है कि जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर के दायरे में एक कॉलेज संचालित किया जाए।