विधायक और कलेक्टर की मौजूदगी में चिर्रा के निवासियों ने मवेशियों को खुले में नहीं छोड़ने की ली शपथ, शुरू हुआ रोका-छेंका अभियान मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए रिमझिम बारिश में हुआ कार्यक्रम

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कोरबा@M4S:खेतों में लगी खरीफ की फसलों को पशुओं की चराई से बचाने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में आज से रोका-छेका अभियान शुरू हो गया है। कोरबा जिले में सभी ग्राम पंचायतों और गौठान गांवों में ग्रामीणों ने जन प्रतिनिधियों के साथ बैठकर अपने गांव की परिस्थितियों के हिसाब से पशुओं को रोकने और छेकने के लिए योजना बनाई और उन्हें खुले में नहीं छोड़ने की शपथ ली। कोरबा जिले के चिर्रा ग्राम पंचायत के गौठान परिसर में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित हुआ। पूर्व गृह मंत्री एवं वर्तमान रामपुर विधायक ननकीराम कवर, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर, कलेक्टर किरण कौशल, जिला पंचायत के सीईओ कुंदन कुमार की मौजूदगी में बारिश की रिमझिम फुहारों के बीच सभी ग्रामवासियों ने अपने-अपने मवेशियों को खुले में नहीं छोड़ने की शपथ ली। कार्यक्रम स्थल पर ही सरपंच, सचिव, गौठान समिति के सदस्यों और ग्रामवासियों ने मवेशियों को खुला छोड़ने पर पचास रूपये प्रति मवेशी जुर्माना वसूलने का भी निर्णय लिया। कार्यक्रम स्थल पर गौठान समिति और स्व सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट, सब्जी और फलों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। रेशम विभाग, पशुपालन विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग द्वारा विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत किसानों को सामग्री भी उपलब्ध कराई गई। इस अवसर पर चिर्रा गौठान में वर्मी कम्पोस्ट बनाकर उद्यानिकी विभाग को बेचने पर स्व सहायता समूह की महिलाओं को 20 हजार एक सौ रूपये की राशि का चेक भी दिया गया। दो किसानों को मछली जाल, पांच किसानों को स्पे्रयर पंप और पांच हितग्राहियों को रेशम विभाग द्वारा कोसा धागा की रेलिंग मशीनें भी दी गई। जिला पंचायत अध्यक्षा शिवकला कंवर, विधायक श्री ननकीराम कंवर, कलेक्टर किरण कौशल और सीईओ जिला पंचायत कुंदन कुमार ने गौठान परिसर में आम के पौधों का रोपण भी किया।
गौठान और रोका-छेका के लिए पूर्व गृह मंत्री ने की मुख्यमंत्री बघेल की प्रशंसा, दिया धन्यवाद- रोका-छेका अभियान के शुभारंभ अवसर पर पूर्व गृह मंत्री और वर्तमान रामपुर विधायक श्री ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सीधे मंच से जमकर प्रशंसा की। छत्तीसगढ़ की परंपरागत प्रथा को पुनः जीवित करने, गौठानों को पशुधन की देखरेख के लिए नया स्वरूप देने और गौठानों को ग्रामीण महिलाओं की आजीविका का साधन बनाने के लिए श्री कवर ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि प्राचीन ग्रंथों, वेद पुराणों में भी गाय की सेवा को असीमित पुण्य का काम बताया गया है। पशुधन के विकास और सेवा के लिए मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश में नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी विकास कार्यक्रम शुरू करके बड़े पुण्य का काम किया है। श्री कंवर ने गौठानों को सशक्त बनाने, गौठानों में पानी की स्थाई व्यवस्था करने की भी वकालत की। उन्होंने लोगों से कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने तथा हमेंशा मुंह को ढंककर रखने की भी सलाह दी। विधायक ने कार्यक्रम स्थल पर की गई सेनेटाइजेशन की व्यवस्था की भी तारीफ की।
कलेक्टर कौशल ने प्रश्नोत्तर शैली में बताये रोका-छेका के फायदे- चिर्रा गौठान परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने ठेठ छत्तीसगढ़ी अंदाज में ग्रामीणों को रोका-छेका अभियान के बारे में जानकारी दी। कलेक्टर ने कार्यक्रम में मौजूद ग्रामीणों से प्रश्न पूछे और उनके उत्तर बताकर रोका-छेका के फायदे बताये। श्रीमती कौशल ने बताया कि खेतों में लगी फसलों को मवेशियों द्वारा चरने से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए पशुओं को रोकना और छेकना जरूरी है। इससे फसलों का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को फायदा होगा। कलेक्टर ने लोगों से कहा कि वे मवेशियों को खुले में न छोड़ें। उन्होंने मवेशियों को खुले में छोड़ने पर उन्हें छेककर गौठानों में लाने और पचास रूपये प्रति मवेशी जुर्माना वसूलकर ही छोड़ने की सलाह लोगों को दी। कलेक्टर ने गौठानों को अधिक सक्षम बनाने की अपील ग्रामवासियों से की और कहा कि गांव के लोगों ने ही, गांव के विकास के लिए गौठान बनाये हैं और उनका संचालन भी गांव के लोगों द्वारा ही किया जा रहा है। श्रीमती कौशल ने गौठानों में बनने वाली वर्मी कम्पोस्ट और उगाये जाने वाले चारे, सब्जियों आदि से अतिरिक्त आमदनी लेकर अपनी जीवन शैली बेहतर करने की बात भी लोगों को समझाई। कलेक्टर ने कार्यक्रम में मौजूद सभी ग्रामवासियों को गौठानों के संचालन में पूरा सहयोग करने को भी कहा। उन्होंने गौठान समिति द्वारा एक लाख रूपये से अधिक की 110 क्विंटल कम्पोस्ट खाद बनाकर बेचने पर प्रसन्नता जाहिर की और आने वाले साल में 500 क्विंटल खाद बनाने के प्रयास करने को कहा।
सामुदायिक बाड़ियों से जुड़ेंगे ग्रामीण युवा- सीईओ जिला पंचायत श्री कुंदन कुमार ने इस अवसर पर कहा कि गौठानों को ग्रामीण अर्थ व्यवस्था और आजीविका के साधनों के रूप में विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। जिले में अब तक 230 गौठानों का निर्माण कराया जा रहा है। गौठानों में चारागाह और सामुहिक बाड़ी भी लगाई जा रही है। कुमार ने बताया कि गौठानों की बाड़ियों में सब्जियो, मक्का या अन्य लाभकारी फसलों की खेती के लिए स्व सहायता समूह की महिलाओं के साथ-साथ ग्रामीण युवाओं को भी जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर इससे लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही, ग्रामीण युवाओं की खेती-किसानी के प्रति रूचि भी बढ़ेगी।

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