विद्युत विभाग में आउटसोर्सिंग, ठेका तथा प्लेसमेंट पद्धति बंद करने की मांग ठेका कर्मचारी कल्याण संघ ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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कोरबा@M4S: बिजली विभाग में आउटसोर्सिंग, ठेका तथा प्लेसमेंट पद्धति बंद करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। कर्मियों को विद्युत विभाग में समायोजित करने की मांग की गई है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग ठेका कर्मचारी कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत विभाग में कई वर्षों से आउटसोर्सिंग, ठेका प्रथा और प्लेसमेंट पद्धति से कर्मचारी नियोजित हैं। कर्मचारी विगत कई वर्षों से विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ज्यादातर कर्मचारी नौकरी की तय उम्र सीमा के करीब है। साथ ही यह कर्मचारी पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। इनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल उदासीन है। ठेका कर्मचारियों के हितों में किसी प्रकार से निर्णय लेने में सक्षम नहीं है। उनका कहना है कि कर्मचारियों को ठेकेदार के माध्यम से वेतन भुगतान किया जाता है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा के नाम पर ईपीएफ और ईएसआईसी की सुविधा दी जाती है, किंतु दुर्भाग्यवश से यह सुविधा सभी कर्मचारियों तक नहीं पहुंच पाती है और ना ही समय पर वेतन प्रदान किया जाता है। कई बार ठेका प्रथा हटाने पत्राचार किया गया है। किंतु विद्युत विभाग नीतिगत निर्णय का हवाला देकर ठेका कर्मियों की मांगों को पूरा नहीं करती। ज्ञापन में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस ने घोषणापत्र में वादा किया था कि ठेका प्रथा बंद कर दिया जाएगा। परंतु विभाग में ठेका में धड़ल्ले से शोषण किया जा रहा है। ज्ञापन सौंपने के दौरान संगठन के महामंत्री दर्शन कुमार रजक,डिस्ट्रीब्यूशन,ट्रांसमिशन और जनरेशन के अध्यक्ष ललित बरेठ, राकेश साहू ,हेमंत साहू,नारायण यादव कुमारी राधिका साहू, कुमारी नंदिनी साहू, नारायण यादव, सुरेश दास महंत ,जितेंद्र कुमार एवं अन्य कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे।

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