रायपुर@M4S: सरकारी स्कूलों में पढऩे वाली कक्षा नवमीं की छात्राओं को साइकिल प्रदान करने की योजना सरकार चला रही। इन छात्राओं को शिक्षा सत्र के प्रारंभ में ही साइकिल प्रदान कर दिया जाना चाहिए लेकिन किसी भी सत्र में समय पर वितरण नहीं हो पाता। इसका कारण यह है कि साइकिल के अलग-अलग पार्टस भेजे जाते हैं। जिसे स्थानीय स्तर पर असेंबल करना होता है। साथ में मैकेनिक भी आपूर्तिकर्ता भेजता है। मैकेनिकों संख्या कम होने की वजह से साइकिल तैयार करने में समय लग जाता है।
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शासन ने सरस्वती साइकिल योजना की शुरूआत 11 साल पहले की थी। यह पहली बार नहीं जब साइकिल देर से मिली है। बीते वर्ष पार्टस का आवंटन जनवरी माह में मिला था। साइकिल के पार्टस शैक्षणिक सत्र 2022-23 के नवमीं में पढ़ाई कर रहीं छात्राओं के लिए भेजा गया है। बीते वर्ष की तुलना इस वर्ष 1100 अधिक साइकिल का आवंटन मिला है।इस वर्ष 292 स्कूलों में 6530 छात्राएं अध्ययन कर रहीं हैं। बताना होगा कि साइकिल वितरण योजना शुरू होने से हाई स्कूल अध्ययन करने वाली छात्राओं की संख्या में बढ़त हुई है। शिक्षा सत्र के शुरूआत में ही वितरण होता तो संभवत: छात्राओं की संख्या में और भी वृद्धि हो सकती है। बहरहाल पांचों विकासखंड मुख्यालय में पार्टस पहुंचाया गया है।जहां से वाहन को असेंबल कर स्कूलों में भेजा जा रहा है। शासन से जारी गाइड लाइन के अनुसार वितरण का काम नवंबर माह के भीतर किया जाना है। एसेंबल के लिए मजदूर कम होने कारण तैयार करने में देरी हो रही है। बताना होगा कि साइकिल सुविधा के अभाव में छात्राएं पैदल स्कूल जाने पर मजबूर हैं। आवंटन मिलने से अब वे समय पर स्कूल पहुंच सकेंगी साथ ही पढ़ाई के लिए समय की बचत होगी।साइकिल को विकासखंड मुख्यालय में असेंबल तो किया जा रहा लेकिन उसे स्कूलों तक पहुंचाने के संबंध कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई। ऐसे में जिला शिक्षा विभाग की ओर से इसे आकस्मिक व्यय निधि से परिवहन करने के लिए कहा गया है। निधि की राशि खर्च हो से स्कूल प्रबंधन में कश्मकश की स्थिति देखी जा रही है। परिवहन के लिए राशि नहीं होने पर छात्राओं के अभिभावक से वसूली की जाती है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने शासन से गाइडलाइन मांगी है।