कोरबा@M4S:कोरबा के सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार श्रीवास्तव ने देश मे कोरोना से मजदूरों द्वारा हुए एतिहासिक पलायन जिसमें कई राज्यों के मजदूर लाखों की संख्या मे अपने गाँव की ओर महिला बच्चों व बुजुर्गों के साथ निकल पड़े उन्होंने सैकड़ों हज़ारों किलोमीटर की दूरी जोखिम उठाकर पैदल या किसी वाहन मे असुरक्षित यात्रा कर पूरी की इस दौरान सेंकड़ों की संख्या मे मजदूरों द्वारा भूख, प्यास, थकावट दुर्घटना की वजह से अपनी जान से हाथ धोना पड़ा सरकारें चाहती तो इस पलायन को रोका जा सकता था व उनकी जान बचाई जा सकती थी उनकी जान जाने से परिवार के सामने भी रोजी रोटी का संकट का खड़ा हो गया है इसी को मद्देनजर रखते हुए श्री अजय कुमार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मे २८ मई २०२० को एक अपील लगाई गई थी जिसमें उनके द्वारा मजदूरों पर आए संकट व उनके मौत के सम्बंध मे जांच कर मजदूरों को उचित मुआवजा एवं दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने की प्रार्थना की गई थी जिसकी गंभीरता को देखते हुए आयोग ने इसपर संज्ञान लिया व जिसकी सुनवाई १८ जून २० को करते हुए आयोग ने मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर भारत सरकार के प्रिंसिपल सेकेट्री 4 को देश के सभी राज्यों से ८ हफ्तों मे जवाब ले के क्या कार्यवाही हुई बताने को कहा है
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर के प्रिंसिपल सेकेट्री व राज्यों से माँगा जवाब
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