रायपुर:डिप्टी कलेक्टरों के प्रमोशन पदों में 10% कटौती वापस लेने की मांग

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तहसीलदारों-नायब तहसीलदारों के सँघ ने की जीएडी-राजस्व सचिवों से मुलाकात,
मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
फरवरी में हुई तहसीलदारो की डीपीसी का पदोन्नति आर्डर भी जल्द निकालने की मांग
रायपुर@M4S:राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रशासनिक सेवा के पदोन्नति नियमों में संशोधन करते हुए तहसीलदारों से डिप्टी कलेक्टर के पदोन्नति पदों में 10% की कटौती कर दी है। शासन द्वारा डिप्टी कलेक्टर के पदोन्नति से भरे जाने वाले 50% पदों को घटाकर 40% कर दिया गया है, जिससे प्रदेश के कई तहसीलदारों की डिप्टी कलेक्टर बनने की आशाओं पर पानी फिर गया है। इसके साथ ही शासन ने नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाने के लिए इस साल फरवरी में पदोन्नति समिति की बैठक कर ली थी, 5 महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक उन तहसीलदारों का पदोन्नति आदेश जारी नहीं हो पाने से कई नायब तहसीलदार अपने तहसीलदार बनने का इंतजार कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में प्रशासन की रीढ़ माने जाने वाले दोनों पदों पर शासकीय विभागों का यह रवैया कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ को नागवार गुजर रहा है। ऐसे में संघ के प्रतिनिधि मंडल ने आज सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डीडी सिंह और राजस्व सचिव रीता शांडिल्य से रायपुर में मुलाकात कर पूरी स्थिति से अवगत कराया है और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन भी सौंपा। संघ के पदाधिकारियों ने डिप्टी कलेक्टरों के पदोन्नति पदों में 10% की कटौती को वापस लेने तथा तहसीलदारों की पदोन्नति सूची जल्दी जारी करने की मांग की है । कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश अध्यक्ष अमित बैग,तहसीलदार अरविंद शर्मा और मोनिका सिंह शामिल रही।

संघ के अध्यक्ष अमित बेक बताया कि राज्य प्रशासनिक सेवा के पदों को भरने के लिए पहले सीधी भर्ती व पदोन्नति के पदों में 50-50% का अनुपात था,परंतु राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने इसमें संशोधन कर पदोन्नति के पदों को 10% कम कर दिया है ।अब इसे 60 – 40 के अनुपात में संशोधित किया गया है, जिससे वर्तमान में कार्यरत तहसीलदारों में से कई को डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा।बेक ने बताया कि प्रदेश में कुल 460 के पद स्वीकृत है जिन पर पहले 230 पदों पर सीधी और उतने ही पदों पर पदोन्नति से भर्ती होती थी । अब शासन ने पदोन्नति के पदों को घटाकर 184 कर दिया है और सीधी भर्ती के पदों को बढ़ाकर 276 कर दिया है जिससे लगभग 46 तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ेगा।
बेक ने बताया कि 2014 बैच के सीधी भर्ती से नियुक्त हुए 14 नायब तहसीलदारों की पदोन्नति का मामला भी पिछले 5 महीनों से फाइलों में दबा है । इन नायब तहसीलदारों की पदोन्नति तहसीलदार पद पर करने के लिए इस वर्ष फरवरी में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक हुई थी और करवाई भी पूरी कर ली गई थी परंतु आज तक पदोन्नति आदेश जारी नहीं हो सका है ।उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग ने तकनीकी कारणों से रिवाइज डीपीसी के लिए राज्य लोक सेवा आयोग को पत्र लिखा था परंतु आयोग ने पूर्व में डीपीसी होने का हवाला देकर फिर से डीपीसी करने से इंकार कर दिया है ।आयोग ने यह भी कहा है कि फरवरी माह में हुई डीपीसी के आधार पर ही पदोन्नति आदेश जारी किए जाएं। इसके बाद भी विभाग द्वारा आज दिनांक तक तहसीलदारों के पदोन्नति आदेश जारी नहीं किए गए हैं ।
कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने मुख्यमंत्री श्री बघेल से सेवा आयोग की 2019 की परीक्षा में पदोन्नति से भरे जाने वाले 13 डिप्टी कलेक्टरों के पदों को विलोपित कर पदोन्नति कोटा में समाहित करने की मांग भी की है ।इसके साथ ही जनवरी 2021 की स्थिति में सभी पात्र तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर बनाने के लिए शुरू करने की भी मांग संघ ने मुख्यमंत्री से की है।

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