राजस्व मंत्री की पहल पर कोरबा जिले को स्वामित्व योजना का प्रथम चरण में लाभ

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कोरबा@M4S: राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की पहल पर कोरबा जिले को भी स्वामित्व योजना के लिये प्रथम चरण में शामिल किया गया है। इस योजना के तहत अब कोरबा जिले में भी आबादी भूमि का प्रथम चरण में ही शीघ्र ही सर्वे कर पट्टों का वितरण किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में स्वामित्व योजना के तहत प्रथम चरण में 02 जिलों (दुर्ग और कबीरधाम) को आबादी पटूटे के सर्वे कार्य हेतु चयन किया गया था।
स्वामित्व योजना में ड्रोन द्वारा आबादी सर्वे कर, केवल उन संपत्ति धारकों का अधिकार अभिलेख तैयार किया जाएगा, जो छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 4959 के प्रवृत होने के ठीक पूर्व आबादी भूमि अंतर्गत कोई भूमि विधि पूर्वक धारण करता है या इसके पश्चात ऐसी भूमि को विधि पूर्वक अर्जित कर ले, ऐसी भूमि के संबंध में भूमि स्वामी होगा। इस योजना में व्यक्तिगत ग्रामीण संपत्ति के सीमांकन के अलावा अन्य ग्राम पंचायत और सामुदायिक संपत्ति जैसे गांव की सड़कें, तालाब, नहरें, खुले स्थान, स्कूल, आंगनबाड़ी, उप स्वास्थ्य केन्द्र आदि का भी सर्वेक्षण किया जाएगा और जीआईएस मानचित्र बनाये जायेंगे। इसके अलावा, ये जीआईएस नक्शे और स्थानिक डेटाबेस ग्राम पंचायतों और राज्य सरकार के अन्य विभागों द्वारा किये गये विभिन्न कार्यों के लिए सटीक कार्य अनुमान तैयार करने में भी मदद करेंगे। इनका उपयोग बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना(जीपीडीपी) तैयार करने के लिए भी किया जा सकता है।
स्वामित्व योजना के अंतर्गत उद्घोषित आबादी भूमि के सर्वे का कार्य तीन चरणों में किया जावेगा। आबादी सर्वे की कार्यवाही में विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया जायेगा, साथ ही डोर-टू-डोर सर्वे सत्यापन की कार्यवाही भी जायेगी। इसी तरह इस कार्य को सूचारू रूप से संपादित करने हेतु चार समितियों का गठन किया गया है। जिसमें राज्य स्तरीय संचालन समिति, जिला स्तरीय समिति, तहसील स्तरीय समिति, पंचायत स्तरीय समिति होगी। इस योजना के कियान्वित होने से ग्राम पंचायत की संपत्ति, शासकीय व सार्वजनिक संपत्ति की सीमा एवं क्षेत्रफल निश्चित होने से उनका रखरखाव किया जा सकेगा और उनसे संबंधित सीमा विवाद में कमी आएगी। प्रत्येक संपत्ति की सीमा एवं क्षेत्रफल सुनिश्चित होने से ग्राम में निजी संपत्ति के विवाद कम होंगे, जिससे कानूनी मामलों को कम किया जा सकेगा। प्रत्येक संपत्ति धारक को संपत्ति का प्रमाण-पत्र एवं भूमि स्वामित्व प्राप्त होगा। सार्वजनिक उपयोग की संपत्ति का संरक्षण होगा। ग्राम पंचायत की खुली जगह, रास्ते, नाले, सरोवर इन सबकी सीमाएं निश्चित होंगी, जिससे उनका उपयोग भी सुनिश्चित हो सकेगा। संपत्ति का प्रमाण-पत्र प्राप्त होने से मकान पर बैंक से ऋण लेना आसान होगा।

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