रायपुर@M4S;कबीरधाम जिले के पंडरिया विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक की शुरुआत प्रशासनिक स्तर को और बेहतर कैसे बनाया जाए इस बात की नसीहत देते हुए की। उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन का दायित्व है कि बुनियादी सुविधाओं को प्रत्येक नागरिक को मुहैया कराए। उन्होंने कहा कि आत्म संतुष्टि के लिए यह आवश्यक है कि सभी अधिकारी अपने कार्य को शत प्रतिशत दक्षता के साथ करें और अंतिम व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाए। उन्होंने मिली शिकायतों से उपस्थित संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया और समस्याओं के जल्द से जल्द निराकरण के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री बघेल ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, सड़क और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं पर उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कोरोना काल में कबीरधाम जिले के स्वास्थ्य विभाग के प्रबंधन एवं उस समय संचालित किए गए ट्रेनिंग सेंटर के परफॉर्मेंस की प्रशंसा भी की।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री और कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर, पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर, संभागायुक्त महादेव कावरे, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, कलेक्टर जन्मेजय महोबे उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समीक्षा बैठक में शासन की योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिये। ताकि लाभ उठाने से कोई वंचित न हो। अधिकारियों से कहा कि समय पर कार्यालय पहुंचे। श्री बघेल ने कहा कि बरसात समाप्त होने वाली है, खराब सड़कों की मरम्मत और नई सड़कों के निर्माण के लिए कार्य योजना तैयार करें। अपनी जिम्मेदारी के साथ अपने-अपने दायित्व का निर्वहन हो। अवैध शराब की शिकायत आ रही है। यह बिल्कुल भी नही होना चाहिए। पंडरिया के कुंडा, व वनांचल क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने और जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने जुआ सट्टा पर कड़ी कार्यवाही करने के लिए पुलिस अधीक्षक को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पटवारी की शिकायत प्राप्त हो रही है, कार्य के लिए किसानों से पैसा लेन देन की, जांच करा कर कार्रवाई करें ताकि जनता को असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि जहां-जहां देवगुड़ी है, वह विकासखण्ड आदिवासी क्षेत्र में आते हैं या नहीं यह सुनिश्चित करें ताकि क्षेत्र में स्थित पुजारी को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत 7000 रुपए की राशि देना सुनिश्चित किया जा सके। इसी तरह उन्होंने डीएमएफ निधि से बुनियादी सुविधाओं को स्थानीय लोगों की मांग के अनुरूप और बेहतर करने के लिए अधिकारियों को निर्देश। आदिवासी अंचलों में बिजली कटौती की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने विद्युत अभियंता को विद्युत प्रबंधन को दुरूस्त करने के निर्देश दिए।