मॉनसून सत्र के लिए कांग्रेस ने बनाई रणनीति; इकॉनमी, चीन समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी

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नई दिल्ली(एजेंसी):कांग्रेस की संसद से जुड़ी रणनीति तय करने संबंधी समिति की गुरुवार को बैठक हुई जिसमें आगामी मॉनसून सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों और सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों को साथ लेने की रणनीति पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में यह सहमति बनी कि जीडीपी विकास दर में करीब 24 प्रतिशत की गिरावट, सीमा पर चीन के साथ गतिरोध, कोरोना संकट, प्रवासी श्रमिकों की समस्याएं, बेरोजगारी, नई शिक्षा नीति और कुछ अन्य मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।

इस 10 सदस्यीय समिति के एक सदस्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘हो सकता है कि कोरोना संकट के कारण सरकार या लोकसभा अध्यक्ष की तरफ से सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई जाए और ऐसे में विधायी कामकाज को लेकर बहुत ज्यादा स्पष्टता नहीं आएगी। इसके मद्देनजर भी आज की बैठक में चर्चा की गई। उन्होंने कहा, ‘बैठक में यह चर्चा की गई कि सरकार की ओर से जारी अध्यादेशों और कुछ अन्य संभावित विधेयकों को लेकर हमारी क्या रणनीति होनी चाहिए। यह सहमति बनी कि विभिन्न मुद्दों पर ज्यादा से ज्यादा विपक्षी दलों को साथ लिया जाए ताकि सरकार पर ज्यादा दबाव बन सके।’

कांग्रेस नेता का कहना था कि इस समिति में यह भी तय हुआ कि आगामी सत्र में प्रश्नकाल के निलंबन का मुद्दा उठाया जाएगा। आने वाले दिनों में इस समिति की फिर बैठक हो सकती है। गौरतलब है कि संसद के आगामी मानसून सत्र में न तो प्रश्नकाल होगा और न ही गैर सरकारी विधेयक लाए जा सकेंगे। कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में पैदा हुई असाधारण परिस्थितियों के बीच होने जा रहे इस सत्र में शून्यकाल को भी सीमित कर दिया गया है।

लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, दोनों सदनों की कार्यवाही अलग-अलग पालियों में सुबह नौ बजे से एक बजे तक और तीन बजे से सात बजे तक चलेगी। शनिवार तथा रविवार को भी संसद की कार्यवाही जारी रहेगी। संसद सत्र की शुरुआत 14 सितम्बर को होगी और इसका समापन एक अक्टूबर को प्रस्तावित है।

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