लखीमपुर-खीरी(एजेंसी): जिला अस्पताल में बुधवार को संवेदनहीनता फिर एक बार देखने को मिली। जब एक पिता बच्चे का शव कंधे पर लेकर जिला अस्पताल में भटकता रहा लेकिन अस्पताल के लोगों ने मृत्यु प्रमाणपत्र काफी देर में बनाया।
थाना क्षेत्र नीमगांव के ग्राम रमुआपुर निवासी दिनेशचंद के चार वर्ष के पुत्र दिव्यांशु को जिला अस्पताल में बुखार के चलते भर्ती कराया गया था। बुधवार को उसकी मौत हो गई। बच्चे की मौत की सूचना के बाद पिता बेहाल हो गया।
अस्पताल में उसे बताया गया कि बच्चे का मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाना होगा। इसपर दिनेशचंद परेशान हो गया। बेटे के गम ने उसे पहले ही तोड़ दिया था और अब अस्पताल के फरमान के कारण उसे कुछ सूझ नहीं रहा था। वह बच्चे के शव को कंधे पर लेकर अस्पताल के *चक्कर काटता रहा। वह लोगों से मदद भी मांगता रहा।
आंखों में आंसू और कंधे पर बेटे की लाश
नीमगांव के ग्राम रमुआपुर के दिनेश *की आंखों में आंसू और कंधे पर बेटे *का शव. जिस किसी ने भी यह *मंजर देखा उसकी आंख नम हो *गई। बेबस दिनेश कभी अस्पताल के इस काउंटर पर जाता तो कभी उस काउंटर पर। चक्कर लगाते-लगाते वह पस्त हो गया। काफी देर बाद जिला अस्पताल में उसके बेटे का मृत्य प्रमाणपत्र बन पाया। तब जाकर वह बेटे का शव लेकर जा पाया। उधर मामले में सीएमएस डॉ. आरके वर्मा का कहना है कि मरीज की मौत के बाद उसका प्रमाणपत्र जारी हो जाता है। ऐसी कोई परेशानी नहीं होती।