मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पाटन में वेदांता के 101 नंद घरों का किया उद्घाटन वेदांता समूह देश भर में आंगनबाड़ियों को दे रहा अत्याधुनिक नंद घरों का स्वरूप। 800 करोड़ रुपए के निवेश से 4000 नंद घर स्थापित करने की योजना।

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रायपुर@M4S:वेदांता समूह के सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित फ्लैगशिप परियोजना ‘नंद घर’ के अंतर्गत दुर्ग जिले के पाटन में आज प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 101 नंद घरों का उद्घाटन किया। वेदांता समूह की इस महत्वपूर्ण परियोजना के अंतर्गत देश के विभिन्न राज्यों में पहले से संचालित आंगनबाड़ियों को अत्याधुनिक स्वरूप दिया जा रहा है। वर्ष 2015 में नंद घर परियोजना की शुरूआत की गई जिसके अंतर्गत देश में पहले ही 1700 नंद घर प्रारंभ हो चुके हैं। पूरे देश में लगभग 800 करोड़ रुपए के निवेश से 4000 नंद घर स्थापित करने की योजना है। वेदांता समूह छत्तीसगढ़ के कोरबा में भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के जरिए राज्य और देश के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

वेदांता समूह और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से संचालित परियोजना का उद्देश्य भारत के ग्रामीण पिछड़े इलाकों को देश के विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। 13.7 लाख आंगनवाड़ियों के 8.5 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन को बदलने की दृष्टि वेदांता द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर संचालित परियोजना के अंतर्गत बाल स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार, बच्चों को मनोरंजनपूर्ण तरीके से शिक्षा प्रदान करने और जमीनी स्तर पर महिलाओं के सशक्तिरण की दिशा में उत्कृष्ट कार्य किए जा रहे हैं।

वेदांता की नंद घर परियोजना सात राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में संचालित है। इस परियोजना का लक्ष्य 4 करोड़ समुदाय के सदस्यों के जीवन को लाभान्वित करना है। साथ ही लगभग 2 लाख बच्चों और 1.8 लाख महिलाओं को वार्षिक आधार पर लाभ पहुंचाना है।

पाटन में संचालित 101 नंद घरों के जरिए समुदाय के लगभग एक लाख जरूरतमंद लाभान्वित होंगे। कोविड-19 के वर्तमान दौर में नंद घरों के जरिए बच्चों को पोषक आहार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उनके लिए मोबाइल एप के जरिए ई-लर्निंग विडियो की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। शासकीय महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं की मदद से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य की नियमित जांच की जा रही है। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से जरूरतमंदों तक सूखा पौष्टिक आहार आपूर्ति किए जाने की योजना है। कोरोना पर पूर्ण नियंत्रण के पश्चात केंद्रों में महिलाओं के लिए कौशल उन्नयन प्रशिक्षण कार्यशालाएं भी संचालित की जाएंगी।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि सामुदायिक विकास के क्षेत्र में वेदांता समूह के कार्य उत्कृष्ट हैं। उन्होंने महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में संचालित देशव्यापी अभियान को प्रशंसनीय बताया। नंद घर परियोजना के अनेक आयामों से परिचित होकर श्री बघेल ने विश्वास जताया कि इससे निश्चित ही लक्षित नागरिकों के लिए विकास के नए अवसर बनेंगे। उन्होंने समारोह में उपस्थित ग्रामीणों का आह्वान करते हुए कहा कि वे परियोजना से भरपूर लाभ उठाएं।

वेदांता समूह के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा है कि नंद घरों के जरिए देश के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद मिल रही है। यह परियोजना बाल कुपोषण के उन्मूलन, शिक्षा और स्वास्थ्य की उपलब्धता, ग्रामीण महिलाआंे के कौशल उन्नयन और सशक्तिकरण के लिए समर्पित है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा पाटन में नंद घरों के उद्घाटन पर प्रसन्नता जताई। श्री अग्रवाल ने विश्वास जताया कि आधुनिक नंद घर परिवर्तन के उत्प्रेरक होंगे जो ग्रामीण परिदृश्य को बदलकर आत्मनिर्भर समुदाय तथा महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाएंगे।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने अपने संदेश में कहा है कि वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल के नेतृत्व और दर्शन के अनुरूप सामुदायिक विकास के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश किए गए हैं जिसका लाभ जरूरतमंदों को मिल रहा है। समूह की नंद घर परियोजना से ग्रामीण बच्चे और महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। परियोजना के जरिए मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में बेहतरीन सुविधाएं दी जा रही हैं। समुदाय के चहुंमुखी विकास के लिए कटिबद्ध एवं निरंतर योगदान कर रही वेदांता समूह की यह परियोजना भविष्य में निश्चित ही अनेक नई उपलब्धियां हासिल करेगी।

उद्घाटन समारोह में नंद घर परियोजना के कंस्ट्रशन प्रमुख आनंद गुप्ता और बालको के सिक्योरिटी एवं प्रशासन प्रमुख अवतार सिंह सहित अनेक बालको अधिकारी मौजूद थे।

नंद घर में उपलब्ध सुविधाओं पर एक नजर – वेदांता समूह द्वारा निर्मित नंद घरों में ई-लर्निंग के माध्यम से तीन से छह वर्ष के बच्चों को स्कूल-पूर्व की शिक्षा दी जाती है। बच्चों के लिए स्मार्ट किट उपलब्ध कराए जाते हैं। ई-लर्निंग के लिए टेलीविजन लगाए जाते हैं। सतत ऊर्जा आपूर्ति के लिए सोलर पैनल, पेयजल, स्वच्छ शौचालय आदि की व्यवस्था की जाती है। बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को ताजा पोषक आहार दिया जाता है। महिला सशक्तिकरण के लिए कौशल उन्नयन प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। उद्यमिता विकास के लिए महिलाओं को क्रेडिट लिंकेज की सुविधा दी जाती है।

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