जांजगीर@M4S:यह पोषण पुनर्वास केंद्र व्यवस्थित क्यों नहीं है ? मीनू में पराठा लिखा है, फिर रोटी क्यों खिलाया गया ? सुबह भी आलू बना था तो दोपहर को भी आलू की सब्जी ही क्यों बनाया गया है ? यहां कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने भर्ती किया गया है। साफ-सफाई ठीक नहीं होगी, पोषक तत्व वाले भोजन नहीं खायेंगे तो स्वास्थ्य में सुधार कैसे होगा ? इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। एनआरसी में मीनू के आधार पर खाना खिलाइये और बच्चों की संख्या बढ़ाते हुए घर जाने से पहले उनकी माताओं को भी बताएं कि घर में बच्चों को क्या खिलाना है ? कुछ इस तरह के सवालों के साथ संबंधित कर्मचारियों को हिदायत देते हुए जिले की कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने पोषण पुनर्वास केंद्र के कीचन में जाकर भोजन और पानी की गुणवत्ता को भी परखा। उन्होंने कड़ाही का ढ़क्कन हटाकर वहां बच्चों के लिए बनी सब्जी को निकालकर चखा और यहां बच्चों को पिलाई जाने वाली पानी को गिलास में लेकर खुद भी पी और एसडीएम तथा बीएमओं को भी पीने कहा। इस बीच कई सवालों पर चुप्पी साधने पर कलेक्टर ने महिला बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ पर कड़ी नाराजगी जताई।
जिले की कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने आज बम्हनीडीह ब्लॉक के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पोषण पुनर्वास केंद्र, उद्यान रोपणी और निर्माणाधीन तहसील कार्यालय का निरीक्षण किया और शासन की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने, समय पर कार्य पूरा करने, बेहतर शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य मुहैया कराने के साथ सफाई व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। बम्हनीडीह ब्लॉक में पोषण पुनर्वास केंद्र में कलेक्टर सुश्री चौधरी ने मीनू के आधार पर भोजन नहीं मिलने पर नाराजगी जताई और सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने यहां केंद्र में साफ-सफाई के निर्देश दिए और ग्रोथ चार्ट का अवलोकन किया।
जांजगीर मैदानी इलाका फिर स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी न हो
बम्हनीडीह ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केद्र में निरीक्षण के दौरान अव्यवस्था और गंदगी को देख कलेक्टर ने नारजगी जताई। उन्होंने यहां मरीजों के पंजीयन से लेकर एक्सरे जांच और उपचार की सुविधाओं में आवश्यक सुधार के निर्देश दिए। कलेक्टर ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने, बायो मेडिकल कचरों का व्यवस्थित और सुरक्षित निपटान के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं, चिकित्सकों, स्टॉफ की जानकरी ली और वैक्सीनेशन कक्ष, महिला वार्ड, प्रसव कक्ष का निरीक्षण भी किया। कलेक्टर ने आईपीडी, ओपीडी की संख्या, पंजीयन रजिस्टर का अवलोकन भी किया। यहां लैब में टेक्निशियनों द्वारा की जाने वाली टेस्ट को परखने के लिए कलेक्टर ने मौके पर खून का सैम्पल लेकर की जा रही जांच की प्रक्रिया भी देखी। उन्होंने लैब टेक्निशियनों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जांच प्रक्रिया में सावधानी तथा साफ-सफाई रखने और मरीजों के साथ शालीनता से व्यवहार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर सुश्री चौधरी ने बीएमओ और बीपीएम को स्वास्थ्य केद्रों का लगातार निरीक्षण करने और व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जब शासन सभी सुविधाएं दे रही है तो यह मरीजों को अवश्य मिलनी चाहिए। जांजगीर जिला एक मैदानी जिला है, ऐसे में सबकुछ व्यवस्थित और समय पर उपस्थिति के साथ बेहतर उपचार प्राथमिकता में हो। यहां लापरवाही नहीं चलनी चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने आये मरीजों से भी चर्चा की।
तहसील कार्यालय के कार्यों में प्रगति लाएं
कलेक्टर ने बम्हनीडीह में निर्माणाधीन तहसील कार्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां बनाये जा रहे अलग-अलग कक्ष रिकॉर्ड रूम आदि की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने एक माह के भीतर अधूरे कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का ध्यान रखने के भी निर्देश दिए।
फलदार पौधों को गौठानों, आंगनबाड़ी केंद्रों में लगाए
शासकीय उद्यान एवं रोपणी करनौद का अवलोकन के दौरान कलेक्टर ने लीची, कटहल, पपीता, मुनगा, आम के पौधे आंगनबाड़ी केंद्रों तथा गौठानों में लगाने और फलदार पौधों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने मेथी, अदरक, हल्दी के साथ अन्य लाभदायक फसल को भी बढ़ावा देने के निर्देश दिए।