सर्वमंगला पुल के ऊपर दोनों पटरियों पर प्रदर्शनकारियों के बैठने से पूर्ण रूप से कोयला परिवहन रहा बंद
15 दिनों में यात्री ट्रेनें शुरू नहीं होने पर माकपा करेगी और उग्र आंदोलन
रिपोर्ट:ईश्वर राठिया
कोरबा@M4S:
कोरबा@M4S: गेवरा रेल्वे स्टेशन से बंद पड़ी सभी ट्रेनों को चालू करने की मांग पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा आहूत रेल चक्का जाम आंदोलन सफल रहा सर्वमंगला पुल के ऊपर माकपा, किसान सभा,आटो संघ,भू विस्थापित संगठन से जुड़े कार्यकर्ता दोनों पटरियों पर बैठ गए। जिससे 3 घंटे तक कोयला परिवहन पूर्ण रूप से बाधित रहा और मालगाड़ी की एक भी रेक गेवरा रोड से कोरबा के लिए नहीं निकल पाई जिससे रेल्वे और एसईसीएल को करोड़ों का नुकसान हुआ है।आंदोलन को रोकने के लिये बड़ी संख्या में रेलवे के साथ पुलिस फोर्स लगी थी लेकिन आंदोलनकारि सभी को चकमा देते हुए सर्वमंगला पुल के ऊपर पटरियों तक पहुंचने में सफल रहे।
सीटू, छत्तीसगढ़ किसान सभा, कुसमुंडा के व्यापारियों, ऑटो चालकों के साथ भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के द्वारा इस आंदोलन में भाग लेने के कारण सैकड़ों नागरिक यात्री ट्रेनों को गेवरा रोड से चलाने की मांग को लेकर रेलपटरियों पर दिखे, तो दूसरी ओर जिला प्रशासन और रेल प्रशासन भारी दबाव में दिखा। रेल प्रशासन ने इस मांग पर सकारात्मक कार्यवाही करने और जल्द ट्रेनों को चालू करने का आश्वासन दिया। लेकिन सही समय सीमा नहीं बताने से आम नागरिक आक्रोशित थे।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव प्रशांत झा ने प्रशासन के रुख को गैर-लोकतांत्रिक बताते हुए इसकी तीखी निंदा की है और कहा कि जायज अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन में हिस्सेदारी करना हर नागरिक का अधिकार है और कोई इसे छीन नहीं सकता जिला प्रशासन द्वारा आंदोलन को दबाने के लिए आंदोलन के लिए परमिशन लेने की बात कही इससे साफ स्पस्ट है कि जिला प्रशासन आम जनता के अधिकारों को दबाना चाहती है एक और केंद्र सरकार आम जनता से उसके अधिकार छीन रही है तो दूसरी ओर प्रदेश सरकार की प्रशासन परमिशन का डर दिखा कर आंदोलन को दबाना चाहती है। इससे साफ जाहिर है कि दोनों आम जनता के अधिकारों को छीनना चाहती है। माकपा ने गेवरा से यात्री ट्रेन न चलने देने के लिए एसईसीएल प्रबंधन पर रेल प्रशासन के साथ मिलीभगत का भी आरोप लगाया है। माकपा नेता झा का कहना है कि कोरोना संकट की आड़ लेकर सभी यात्री ट्रेनें मात्र इसलिए बंद कर दी गई है कि कोल परिवहन के लिए रास्ता साफ रहे। आम जनता को यह मंजूर नहीं है। प्रशासन को इस क्षेत्र से राजस्व वसूलने पर ही नहीं, नागरिकों की बुनियादी सुविधाओं की ओर भी ध्यान देना होगा, वरना आंदोलन और तेज किया जाएगा।
मालगाड़ी रोकने के लिए सर्वमंगला मंदिर से रैली निकालकर सर्वमंगला मंदिर के पास हसदेव पुल के ऊपर दोनों पटरियों में पहुँच कर रेल चक्काजाम करने में आंदोलनकारी सफल रहे आंदोलन को रोकने के लिए जिला प्रशासन के साथ रेल्वे प्रबंधन गेवरा रोड स्टेशन में बैठे रहे और आंदोलनकारी सभी को चकमा देकर सर्वमंगला पुल पर पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे।
आंदोलन स्थल में जिला प्रशासन की ओर से कटघोरा एसडीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर, दर्री सीएसपी लितेश सिंह दीपका तहसीलदार के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल उपस्थित था।
कोरबा रेल्वे के एआरएम प्रभात कुमार ने 15 दिनों में समस्या का समाधान का आश्वासन दिया है। जिसके बाद रेल चक्काजाम आंदोलन समाप्त हुआ है।
आज के इस आंदोलन में माकपा नेता प्रशांत झा, वी एम मनोहर, छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू,आटो संघ,भू विस्थापित रोजगार एकता संघ,कुसमुंडा व्यापारी संघ के नेतृव में नागरिकों के विभिन्न तबकों ने हिस्सा लिया।
माकपा नेता वी एम मनोहर ने कहा कि गेवरा रोड स्टेशन से रेलवे सबसे ज्यादा राजस्व वसूल करता है। लेकिन आम जनता से सभी यात्री ट्रेनों को छीन कर अमानवीय व्यवहार कर रही है जिसका जवाब आज तीन घंटे कोयला परिवहन बंद और रेल चक्काजाम कर आम जनता ने दिया है और आगे यात्री ट्रेनों को शुरू नहीं किया गया तो कोयला परिवहन भी पूर्ण रूप से बंद किया जाएगा।
माकपा ने घोषणा की है कि यदि रेल प्रशासन 15 दिनों के अंदर बंद यात्री ट्रेनों को शुरू नहीं करेगी तो रेल्वे के खिलाफ और उग्र आंदोलन होगा।