धारा 144 के बाद भी भू-विस्थापितों ने किया शक्ति प्रदर्शन, प्रशासन-पुलिस ने झोंकी ताकत
कोरबा@M4S:एसईसीएल के भू-विस्थापितों ने नौकरी, मुआवजा व पुनर्वास की मांग को लेकर आज 2 मई को गेवरा साइलो से कोल डिस्पैच रोकने की चेतावनी दी थी। भू-विस्थापितों को रोकने प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी थी। धारा 144 लागू होने के बाद भी ग्रामीणों ने इसकी परवाह किए बिना गेवरा खदान साइलो में प्रवेश किया। जहां कुछ देर तक कोल डिस्पैच को पूरी तरह से बंद कर दिया। इस दौरान भू-विस्थापितों व पुलिस बल के बीच झड़प भी हुई। साइलो बंद कर रहे सैंकड़ों भू-विस्थापितों को गिरफ्तार कर लिया गया। भू-विस्थापितों को रोकने जगह-जगह बेरिकेट्स बनाए गए थे। लेकिन भू-विस्थापितों ने चारों दिशाओं से पहुंचे थे। जिसके कारण लगभग 1500 की संख्या में तैनात पुलिस जवान भी भू-विस्थापितों को रोकने में सफल नहीं रहे।
गिरफ्तार किए गए सैंकड़ों भू-विस्थापितों को शक्तीनगर सामुदायिक भवन में बनाए गए अस्थायी जेल में रखा गया है। सैंकड़ों कांग्रेसियों के साथ साइलो बंद कराने जा रहे विधायक जयसिंह अग्रवाल को एक बेरिकेट पार करते ही गिरफ्तार कर लिया गया।
गेवरा खदान के साइलो से कोल डिस्पैच को रोकने भू-विस्थापितों ने रणनीति बनाई थी। आंदोलन को नाकाम करने प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लागू करते हुए गेवरा खदान क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया था। भू-विस्थापितों को कांग्रेस विधायक जयसिंह अग्रवाल ने भी अपना समर्थन दिया था। जिसके कारण सैंकड़ों भू-विस्थापितों के साथ विधायक व सैंकड़ों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता कोल डिस्पैच बंद कराने पहुंचे। भू-विस्थापित अलग-अलग दिशाओं से खदान की ओर बढ़ रहे थे। जिसके कारण पुलिस बल भी भू-विस्थापितों को खदान में प्रवेश करने से नहीं रोक पाई। हालांकि पुलिस बल ने विधायक जयसिंह को समर्थकों के साथ पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन इसके बावजूद भू-विस्थापित कोल डिस्पैच बंद कराने में अड़े रहे। घंटों पैदल चलने के बाद बेरिकेट्स तोड़ते हुए भू-विस्थापितों ने साइलो पहुंचकर कोल डिस्पैच बाधित कर दिया। भू-विस्थापितों ने को डिस्पैच रोकने के साथ कन्वेयर बेल्ट, ट्रकों व ट्रेनों में कोयला लोड करना भी बाधित कर दिया। कुछ देर तक कोल डिस्पैच बाधित करने के बाद सैंकड़ों की संख्या में भू-विस्थापित खदान परिसर में ही धरने पर बैठ गए। पुलिस व प्रशासन ने बल प्रयोग करते हुए डिस्पैच रोकने वाले भू-विस्थापितों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए भू-विस्थापितों को बसों में बिठाकर शक्तीनगर स्थित अस्थायी जेल में लाया गया। जहां पहले से ही गिरफ्तार किए गए विधायक जयसिंह अग्रवाल, कांग्रेसी समर्थक व भू-विस्थापित मौजूद थे। प्रशासन ने आंदोलन को नाकाम करने पूरी ताकत झोंक दी थी। लेकिन इसके बावजूद भू-विस्थापितों ने धारा 144 व सैंकड़ों की संख्या में तैनात जवानों की मौजूदगी के बाद भी कोल डिस्पैच रोककर आंदोलन को एतिहासिक बना दिया। सुबह से ही गेवरा खदान क्षेत्र में आंदोलन को लेकर सरगर्मी बनी रही। आंदोलन के दौरान अप्रिय स्थिति भी निर्मित हुई। बेरिकेट्स तोड़ रहे भू-विस्थापितों के साथ पुलिस की झड़प भी हुई। फिलहाल खबर लिखे जाने तक अस्थायी जेल में भू-विस्थापितों को गिरफ्तार कर रखा गया है।
बनाए गए थे चार बेरिकेट्स
भू-विस्थापित गेवरा खदान में प्रवेश न कर पाए इसके लिए विभिन्न स्थानों पर चार बेरिकेट्स बनाए गए थे। पहला बेरिकेट मनगांव बाजार कुसमुंडा कालोनी के पास बनाया गया था। वहीं लक्ष्मण खदान, शक्तीनगर व गजरा नगर के पास अलग-अलग बेरिकेट्स बनाए गए थे।
विधायक जयसिंह गिरफ्तार
भू-विस्थापितों व समर्थकों के साथ कोल डिस्पैच बंद कराने जा रहे कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल को एक बेरिकेट्स पार करते ही पुलिस बल ने गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान विधायक के साथ सैंकड़ों भू-विस्थापित व समर्थकों को गिरफ्तार कर अस्थायी जेल शक्तीनगर में बंद कर दिया गया।
होगा और बड़ा आंदोलन : भू-विस्थापित
कोल डिस्पैच बंद करने वाले भू-विस्थापितों ने एसईसीएल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारे लगाए। उन्होंने कहा कि एसईसीएल ने उनकी जायज मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन को दमन करने पूरा प्रयास किया। क्षेत्र में धारा 144 व भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई। इसके बावजूद भू-विस्थापितों ने कोल डिस्पैच रोक दिया। भू-विस्थापितों ने अपनी गिरफ्तारी भी दी। उन्होंने कहा कि एसईसीएल जब तक उनकी मांग को मान नहीं जाता तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा। जेल से छूटने के बाद पुन: भू-विस्थापित एकजुट होकर बड़े आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे। इस बार गेवरा खदान में उत्पादन पूरी तरह से बंद कराया जाएगा।
भू-विस्थापितों की मांग जायज : जयसिंह
कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन ने दमनात्मक रवैय्या अपनाया है। भू-विस्थापित नौकरी, मुआवजा व बसाहट के लिए भटक रहे है। भू-विस्थापितों के आंदोलन का समर्थन मैंने समर्थकों के साथ किया। प्रशासन ने मुझे गिरफ्तार भी किया। लेकिन मैं भू-विस्थापितों के आंदोलन को हमेशा समर्थन देता रहूंगा। चाहे इसके लिए हमें कुछ भी करना पड़े।