भारती के संस्थापक महामंत्री पद्मश्री डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर का 100वीं वर्षगांठ

- Advertisement -

UNESCO और NASA ने माना जिनका शोध ऐसे संस्कार

नई दिल्ली@m4s: चित्रकार, विश्व विख्यात पुरातत्वविद, जिन्होंने अपना समस्त जीवन भारत की सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने में समर्पित किया और अपने अथक शोध द्वारा भारत की समृद्ध प्राचीन संस्कृति व सभ्यता को सारे विश्व को अवगत कराया । जिन्होंने वर्ष 1971 मे भोपाल के समीप भीम बैटका के शैलचित्रों की खोज कर वहां चित्रित शैलचित्र 1,75,000 वर्ष प्राचीन होना प्रमाणित किया। जिसे UNESCO ने मान्यता देकर विश्व धरोहर घोषित किया |
वाकणकर जी के इस शोध ने यह सिद्ध किया की भारतीय सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यता है |
अंग्रेजो ने हमें सिखाया कि वेद कपोल कल्पित हैं, क्योंकि जिस सरस्वती नदी के तट पर वेदों की रचना हुई उस सरस्वती नदी का अस्तित्व ही नहीं है । वाकणकर जी ने सरस्वती के लुप्त प्रवाह को खोज कर NASA की मान्यता प्राप्त की। 1975 मे उन्हें भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा ‘ पद्मश्री ‘ अलंकरण से सम्मानित किया गया। उन्होंने भारत, अमेरिका सहित यूरोप के विभिन्न देशों मे 4000 से अधिक शैलाश्रयों की खोज एवं अध्ययन किया।
1984 मे न्यूयोर्क मे India’s Contribution to the World Thought इस विषय पर अपनी व्यक्तिगत चित्र प्रदर्शनी का प्रदर्शन किया ।
4 मई 1919 को नीमच (म.प्र.) मे जन्मे वाकणकर जी ने 3 अप्रैल 1988 को सिंगापूर मे शोध सम्बंधित चित्रण करते हुए अपना देह त्याग किया।

कला एवं साहित्य को समर्पित अखिल भारतीय संगठन ” संस्कार भारती” की स्थापना चित्रकार बाबा योगेंद्र जी पद्मश्री (2017) ने 1981 में की थी। संस्कार भारती के संस्थापक महामंत्री रहे वाकणकर जी का जन्म शती वर्ष आज दिनांक 4 मई 2020 को पूर्ण हो रहा है।
आप सभी से प्रार्थना है कि भारतीय सभ्यता की प्राचीनता एवं श्रेष्ठता को आधुनिक विज्ञान के आधार पर प्रमाणित कर विश्व मे मान्यता दिलाने वाले इस महापुरुष को अपनी श्रद्धांजलि देने के लिये अपने घर मे सोमवार 4 मई की संध्या को माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रकाश कर उनकी स्मृति मे चित्र / रंगोली का निर्माण करें अथवा कोई भजन / गीत / कविता गायन करें एवं उनके जीवन प्रसंग का वाचन अपने परिवार के साथ करें |
आलोक : पद्मश्री विष्णु वाकणकर का ये चित्र राजनांदगांव से जाने-माने चित्रकार Rajesh Swarnkar ने उनकी 100वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में बनाया है।

Related Articles

http://media4support.com/wp-content/uploads/2020/07/images-9.jpg
error: Content is protected !!