कोरबा@m4s:हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के लिए क्या बोलें ..? थैंक यू कह सकते हैं … भगवान उनके सर पर हमेशा अपना हाथ बनाये रखे … भगवान मुख्यमंत्री पर हमेशा अपना आशीर्वाद बनाये रखे … गुजरात और तेलंगाना से विशेष ट्रेनों द्वारा बिलासपुर और फिर प्रशासन की टीम के साथ कोरबा पहुंचे दो श्रमिक परिवारों ने सुरक्षित घर वापसी पर बार-बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दुआएं और धन्यवाद दिया है। भावुक होकर राजू सिंह और देवनारायण ने मुख्यमंत्री बघेल को जमीन से जुड़ा सभी की चिन्ता करने वाला संवेदनशील व्यक्ति बताया। गुजरात के गांधीनगर और तेलंगाना के सिकंदराबाद से आज कोरबा जिले के दो प्रवासी श्रमिक परिवार बिलासपुर के रास्ते कोरबा लौट आये। पहला परिवार अहमदाबाद-बिलासपुर विशेष श्रमिक रेलगाड़ी से तो दूसरा परिवार लिंगमपल्ली-बिलासपुर विशेष ट्रेन से आज सुबह बिलासपुर पहुंचे। कलेक्टर किरण कौशल ने इन श्रमिकों को कोरबा लाने के लिए पहले ही बसें कोरबा से रवाना कर दी थी। प्रशासन की टीम ने इन श्रमिकों को सुरक्षित कोरबा लाकर रसियन हास्टल में 14 दिन के क्वारेंटाइन में रखा है।
अहमदाबाद से चली विशेष ट्रेन आज सुबह लगभग 10 बजे बिलासपुर पहुंची। इस ट्रेन से कोरबा जिले के हरदीबाजार क्षेत्र के उतरदा गांव के रहने वाले राजू सिंह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ छत्तीसगढ़ वापस लौटे हैं। दूरभाष पर बात करने पर राजू सिंह ने बताया कि वे पिछले कार्तिक महिने में गुजरात के गांधीनगर में सेठ अमृत भाई के ईंट भट्ठे पर काम करने परिवार सहित गये थे। पत्नी रामायण बाई, नौ साल की बेटी रागिनी और सात साल का बेटा विक्रम उनके साथ थे। सेठ एक हजार ईंट बनाने का पांच सौ रूपये मजदूरी देता था। परंतु कोरोना बीमारी के कारण कामकाज ठप्प हो गया। एक-दो सप्ताह तक सेठ ने अपने पास रखकर खाना खिलाया लेकिन बाद में उसने भी सहायता करने से मना कर दिया। श्री राजू सिंह ने बताया कि अपने और अपने परिवार के आधार कार्डों से उन्होने वापसी के लिए पंजीयन कराया था। विशेष गाड़ी से वे अब वापस अपने घर आ गये हैं।
इसी तरह बतरापाली के देवनारायण पात्रे अपनी पत्नी सुनीता और डेढ़ साल के बच्चे यश के साथ तेलंगाना के सिंकदराबाद में राज मिस़़्त्री का काम करने गये थे। छह महिने पहले ठेकेदार उन्हे बिल्डिंग बनाने के काम के लिए लेकर गया था। देवनारायण सिकंदराबाद में आरसीसी क्रास के पास रहकर अपना काम करते थे। देवनारायण ने बताया कि ठेकेदार से साढ़े पांच सौ रूपये दिन मजदूरी मिलती थी। कोरोना के कारण लाॅक डाउन होने से काम-धाम बंद हो गया। ठेकेदार ने भी पैसा देने से मना कर दिया। ऐसी स्थिति में जल्दी से जल्दी वापस घर लौटने की चिन्ता थी। उन्होंने बताया कि ऐसे में पता चला कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए ट्रेनों की व्यवस्था की है। देवनारायण ने अपने परिवार की जानकारी और आधार कार्ड देकर स्थानीय प्रशासन में पंजीयन कराया और छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लेकर आने वाली पहली गाड़ी से वे बिलासपुर पहुंच गये। देवनारायण ने कोरोना के कारण घर से दूर दूसरे राज्य में बिना काम के भूख-प्यास से परेशान छत्तीसगढ़ के लोगों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उन्हे वापस लाने के लिए ट्रेन भेजने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बार-बार आभार और धन्यवाद जताया।
बिलासपुर पहुंचने पर इन सभी श्रमिकों को बारी-बारी से ट्रेन से उतारकर उनकी मेडिकल स्क्रिनिंग की गई है। श्रमिकों को सेनेटाईजर और मास्क उपलब्ध कराये गये हैं। इन सभी श्रमिकों को मेडिकल स्क्रिनिंग के बाद प्रशासन की टीम बस से कोरबा लेकर आई। जहां पुनः मेडिकल जांच के बाद सभी को आगामी 14 दिनों तक रसियन हास्टल के क्वारेंटाईन सेंटर में रखा गया है। यहां इन सभी के गले और नाक के स्वाब का सेंपल लेकर कोरोना की जांच के लिए एम्स भेजा जायेगा।
कल विजयवाड़ा, लखनऊ और अमृतसर से आयेंगी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, कोरबा से भेजी जायेंगी बसें- छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों को लेकर कल 13 मई को सुबह नौ बजे के आसपास एक विशेष ट्रेन आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा से बिलासपुर पहुंचेगी। दोपहर में एक रेलगाड़ी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से रायपुर पहुंचेगी। उसी तरह पंजाब के अमृतसर से चली रेलगाड़ी छत्तीसगढ़ के श्रमिकों लेकर कल शाम चांपा पहुंचेगी। इन गाड़ियों से आने वाले कोरबा के श्रमिकों को कोरबा लाने के लिए तीन प्रशासनिक दल बसों के साथ बिलासपुर, रायपुर एवं चांपा रेलवे स्टेशन भेजे जायेंगे। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने श्रमिकों को बिलासपुर, रायपुर और चांपा से कोरबा तक सुरक्षित लाने के लिए जरूरी निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। स्टेशन पर उतरते ही श्रमिकों के सेनेटाईजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए उन्हें स्टेशन पर ही प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए हैं। श्रीमती कौशल ने अधिकारियों को बाहर से आने वाले सभी श्रमिकों को मास्क एवं सेनेटाईजर देने को कहा है। उन्होंने इन श्रमिकों के खान-पान की व्यवस्था और कोरबा लाकर क्वारेंटाइन सेंटर में रखने के भी निर्देश दिए हैं।
भगवान मुख्यमंत्री पर हमेशा बनाये रखे अपना आशीर्वाद, बघेल जी थैंक यू.. गुजरात और तेलंगाना से लौटे श्रमिक परिवारों ने श्री बघेल का आभार माना आज दो परिवार वापस कोरबा लौटे, 14 दिन क्वारेंटाईन में रहेंगे
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