जनदर्शन में पहुंचे पीडि़त परिवार
कोरबा@M4S:पिछले तीन दिनों से एसईसीएल गेवरा के तोड़ू अमला के द्वारा पुनर्वास ग्राम गंगानगर में काबिज भुविस्थापित परिवार के बाड़ी को तोड़ा जा रहा था। चौथे दिन लाखो रूपये की लागत बनायी गयी मकानों और शौचालय को तोड़ दिया गया जिसमे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकरपीडि़त परिवार के लोगों ने कलेक्टर जनदर्शन में गुहार लगाई है। वहीं कार्रवाई पर रोक नहीं लगाने पर माकपा के नेताओं ने गेवरा सीजीएम कार्यालय गेट के सामने आंदोलन की चेतनवनी दी है। शिकायत लेकर पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि एसईसीएल गेवरा परियोजना के लिए वर्ष 1980-81 में उनके गांव घाटमुड़ा का अधिग्रहण किया गया था। जिसमें 75 परिवार विस्थापित हुए थे, जिन्हें 1988 में पुनर्वास ग्राम गंगानगर में 25 एकड़ में बसाहट प्रदान किया गया था। तत्कालीन विधायक बोधराम कंवर सहित प्रशासन एवं प्रबंधन के अधिकारियों द्वारा चर्चा के बाद ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया था कि इस भूमि पर केवल घाटमुड़ा के विस्थापितों का ही बसाहट रहेग। उसी के अनुसार जंगल के जमीन का समतलीकरण कर उनके सुपुर्द किया गया था। समस्त प्रभावित परिवारों ने आपसी बंटवारा कर मकान व बाड़ी का निर्माण कर पिछले 32 सालों से निवास करते आ रहे हैं। किंतु एक वर्ष पूर्व एसईसीएल प्रबंधन ने उन्हें डराधमका कर उनकी बाडिय़ों को तोड़ दिया था। अब पुन: 4 जनवरी से ग्रामीणों की बाड़ी व स्वच्छता अभियान के तहत बनाए गए 21 शौचालयों को तोड़ दिया गया है। सब्जी बाड़ी को बर्बाद कर दिया गया है। जबकि इसके पहले ग्रामीणों को नोटिस भी जारी नहीं किया गया। भू विस्थापतों की खून पसीने से बनाए गए आशियाना को बिना सहमति और बिना नोटिस जारी किये तोड़ा गया है जो निंदनीय है । उन्होंने तोडूदस्ते की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है।
बिना सूचना भू-विस्थापितों का ढहाया मकान,पीडि़तों ने कलेक्टर से लगाई गुहार
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