कोरबा@M4S: शहर और उप नगरीय इलाकों में बार बार बंद होने वाली बिजली आपूर्ति से छुटकारा वितरण कंपनी ने कार्य योजना तैयार की है। योजना पर तेजी से काम चल रहा है। वितरण कंपनी का उम्मीद है कि जल्द ही कोरबा में आपूर्ति में होने वाली गड़बड़ी दूर कर ली जाएगी। इसके लिए कंपनी ने खरमोरा विद्युत सब स्टेशन में 40 एमवीए (मेगा वोल्ट एम्पीयर) का नया पॉवर ट्रांसफॉर्मर लगाने की योजना बनाई है।
नया ट्रांसफार्मर खरमोरा विद्युत सब स्टेशन पहुंच गया है। नया ट्रांसफार्मर लगाने के बाद यहां से 33 केवी की एक लाइन तुलसीनगर सब स्टेशन तक बिछाई जाएगी ताकि जरुरत पडऩे पर खरमोरा के पॉवर सब स्टेशन से बिजली लेकर ट्रांसपोर्टनगर, पुराना बस स्टैंड, सीतामणी, अमरैयापारा और एसईसीएल कोरबा एरिया के अलावा अन्य क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति बिना देरी किए बहाल की जा सके। खरमोरा विद्युत सब स्टेशन में 40 एमवीए का एक पॉवर ट्रांसफार्मर पहले से है। इस ट्रांसफार्मर में 33 केवी की लाइन इंडस्ट्रीयल एरिया, रजगामार, मानिकपुर रविशंकर नगर के सब स्टेशन तक जाती हैं। इसमें गड़बड़ी आने पर संबंधित एरिया के सब स्टेशन तक बिजली की आपूर्ति बंद हो जाती है। सुधार होने तक संबंधित एरिया में बिजली बंद रहती है। वितरण कंपनी के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, जिससे की बिजली आपूर्ति बहाल हो सके। 40 एमवीए का नया पॉवर ट्रांसफार्मर लगने के बाद तुलसीनगर सब स्टेशन तक 33 केवी की लाइन बिछाई जाएगी। स्वीच यार्ड के ट्रांसफार्मर में गड़बड़ी होने पर बंद हो जाती है शहर की बिजली आधे से अधिक शहरी आबादी को बिजनी की आपूर्ति तुलसीनगर सबस्टेशन से की जाती है। यहां अलग अलग क्षेत्रों के लिए फिडर लगाए गए हैं। बुधवारी बाजार डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत गृह के करीब एक स्वीच यार्ड है। यहां 40 एमवीए का पॉवर ट्रांसफार्मर लगाया गया था। लगभग डेढ़ साल पहले एक पॉवर ट्रांसफार्मर उड़ गया था। तब 20-20 एमवीए के दो ट्रांसफार्मर से काम चलाया जा रहा है। अभी भी इसमें गड़बड़ी आने पर तुलसीनगर सब स्टेशन को बिजली की आपूर्ति बंद हो जाती है। आधे से ज्यादा शहर अंधेरे में डूब जाता है। इसमें सुधार लगाने के लिए वितरण कंपनी खरमोरा सब स्टेशन में प्रस्तावित 40 एमवीए के नए ट्रांसफार्मर से तुलसी नगर सब स्टेशन तक बिजली की आपूर्ति के लिए नई लाइन बिछाएगी। तकी बुधवारी बाजार के स्वीच यार्ड में गड़बड़ी आने पर खरमारो से तुलसीगनगर सब स्टेशन तक बिजली लेकर शहर में आपूर्ति बहाल की जा सके।