कोरबा@M4S:वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपने सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अंतर्गत महिला एवं बाल स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में अनेक योजनाएं संचालित की हैं। विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर ग्रामीण स्वास्थ्य परियोजना ‘आरोग्य प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत शिशुवती माताओं और गर्भवती महिलाओं को बच्चों के पोषण और सर्वांगीण विकास में स्तनपान के महत्व से परिचित कराया गया। इस वर्ष विश्व स्तनपान सप्ताह की थीम- ‘स्तनपान के लिए कदम: शिक्षित और समर्थन’ है।
सप्ताहिक जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं को बच्चों के पोषण और सर्वांगीण विकास हेतु स्तनपान के प्रति जागरूक करना है। आयोजित सत्र में मितानिन मास्टर ट्रेनर्स और स्वास्थ्य एवं पोषण विशेषज्ञों के साथ महिलाओं की बातचीत शामिल है, जिसमें शिशु के जीवन के पहले छह महीनों के दौरान विशेष स्तनपान के महत्व तथा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं आदि द्वारा पालन की जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं जैसे विषयों पर जोर दिया गया।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने कहा कि हम बालको के सतत विकास लक्ष्य-3, ‘स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने के लिए और सभी उम्र में सभी के लिए कल्याण को बढ़ावा देना’ के अनुरूप प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रोजेक्ट आरोग्य अपने सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अंतर्गत शासकीय और स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से स्तनपान के प्रति समाज में सकारात्मक नजरिया विकसित करने की दिशा में उत्कृष्ट कार्य किया है। जरूरतमंदों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने हेतु बालको कटिबद्ध है।
कार्यक्रम की प्रतिभागी धनेश्वरी बघेल ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस तरह के सत्र आयोजन करने और नवजात शिशुओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य देखभाल में मदद करने तथा हमें जागरूकता प्रदान करने के लिए मैं बालको प्रबंधन को धन्यवाद देती हूं।”
मितानिन केवल श्रीवास ने कहा कि इस तरह के स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिलाओं को फायदा होने के साथ-साथ समाज के अन्य महिलाओं और परिवार के सदस्यों में भी स्तपान के महत्व की समझ विकसित होती है।
बालको ने ‘आरोग्य परियोजना’ के जरिए लगभग 30000 ग्रामीणों को विभिन्न प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई हैं। वेदांता ग्रामीण चिकित्सालयों के जरिए आसपास के हजारों नागरिकों को मदद मिल रही है। इस परियोजना से क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर एचआईवी, टीबी और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर कई जागरूकता सत्र आयोजित करना शामिल है। एचआईवी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए पूरे वर्ष सामुदायिक स्तर की बैठकें आयोजित की जाती रही हैं। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए 150 पोषण गृह विकसित किए गए हैं और 500 से अधिक माताओं को सहकारी समूह से प्राप्त राशन से भोजन बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है जिसका उद्देश्य माताओं और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करना है। परियोजना के माध्यम से बालको ने 21 महिला आरोग्य समिति और 11 ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति (समुदायों में स्वास्थ्य निकाय) को पुनर्जीवित किया है, जिसमें 600 पंचायती राज संस्थान के सदस्यों और स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बेहतर सामंजस्य और लाभ के लिए शामिल किया गया है।