बस्तर में पिछड़े वर्ग के छात्रों को मुख्यमंत्री की सौगात

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रायपुर@M4S:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर संभाग के सभी जिलों में पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए छात्रावास खोलने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने कांकेर में पिछड़ा वर्ग कन्या पोस्ट मैट्रिक छात्रावास के लिए 02 करोड़ 88 लाख रूपये, गढ़ियापहाड़ के सौन्यर्यीकरण के लिए 02 करोड़ रूपये तथा गढ़िया महोत्सव के लिए प्रति वर्ष 05 लाख रूपये देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने आज जिला मुख्यालय कांकेर में पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ द्वारा प्रदेश में पिछड़ा वर्ग समाज को 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने पर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने करीब 241 करोड़ रूपये के विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया गया।

कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री मोहन मण्डावी द्वारा पिछड़ा वर्ग समाज को 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के लिए मुख्यमंत्री की प्रशंसा की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के रीति-नीति को जानते हैं, स्थानीय तीज-त्यौहार, संस्कृति, परंपरा को बचाने के लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ में विश्व आदिवासी दिवस, हरेली, तीजा, माता कर्मा जयंती आदि दिवसों पर सार्वजनिक अवकाश दे कर जो कदम उठाये हैं, वह प्रशंसनीय है। सांसद श्री मण्डावी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल किसी एक पार्टी या समाज के नेता नहीं है, वे जननायक हैं। उनके द्वारा प्रदेश के हित में अच्छे कार्य किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में न जातिवाद था और न होगा। विकास के क्षेत्र में सब मिलजुल कर कार्य करेंगे।
पिछड़ा वर्ग समाज द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डल आयोग की सिफारिश के अनुसार राज्य में पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। अनुसूचित जनजाति का आरक्षण पूर्ववत 32 प्रतिशत और अनुसूचित जाति का आरक्षण 12 प्रतिशत से बढ़ाकर जनसंख्या के अनुरूप 13 प्रतिशत किया गया है। इस प्रकार राज्य में 72 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। सवर्ण गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के संबंध में परीक्षण किया जा रहा है, जल्दी फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कुपोषण को नक्सलवाद से भी बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि बच्चों एवं महिलाओं में कुपोषण तथा एनीमिया की समस्या को दूर करने के लिए पौष्टिक गर्म भोजन प्रदाय करने की व्यवस्था डीएमएफ फण्ड से की गई है। हाट-बाजारों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर गरीबों का निःशुल्क ईलाज किया जा रहा है।
बस्तर संभाग के सभी जिलों में 216 लघु वनोपज संगहण केन्द्र एवं वेल्यू एडीशन केन्द्र हेतु वर्किग शेड निर्माण के शिलान्यास पर प्रसंन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके शुरू होने से लघु वनोपज का प्रसंस्करण होगा, इससे लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्रदेश स्तर में भी लघु वनोपज के प्रसंस्करण हेतु लैब की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगो को अच्छा भोजन, उत्तम शिक्षा, समुचित ईलाज तथा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रयासरत है। वन क्षेत्रों में निवासरत वनवासियों को सामुदायिक वनाधिकार मान्यता पत्र दिये जा रहे हैं, जीविकोपार्जन के लिए वन संसाधनों का समुचित दोहन होगा, पेड़ को काटने की जरूरत नहीं है, पेड़ के नीचे बहुत कुछ है, बैचॉदी, तिखूर, कॉफी, चाय, बॉस की खेती किया जा सकता है, इससे लोगो को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और पलायन भी नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अब जन्म से ही जाति प्रमाण पत्र देने की शुरूवात की गई है, इसके सरलीकरण के लिए कमेटी का गठन भी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा का पानी खेतो तक पहुचांये, गरवा को आर्थिक ताकत बनायें, घुरवा से जैविक खाद बनायें और बाड़ी में जैविक खाद का उपयोग कर अधिक से अधिक उपज लेकर आमदनी प्राप्त कर छत्तीसगढ़ को समृद्ध और खुशहाल राज्य बनाने में सहभागी बनें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दो हितग्राहियों राजापारा के श्रीमती सुनीता चौरसिया पति प्रकाश चौरसिया तथा एमजीवार्ड के श्रीमती परमीला पति श्री रामगिरी को नवीनीकृत राशन कार्ड प्रदान किया। उनके द्वारा पांच बच्चों- जुुंडवा भाई-बहन राखी एवं राहुल के अलावा अक्षय यादव, नोमेश कुमार, आरूही सलाम और मुकेश पटेल को स्थाई जाति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। कांकेर जिले के 20 ग्रामों- किरगोली, खैरखेड़ा, कुरसेल, मड़पा, भैंसागांव, बागझर, बड़े जैतपुरी, पोटेबेड़ा, गोड़बिनापाल, चिंगनार, माहुरपाट, कुम्हारी, तहसील डांगरा, आतुरबेड़ा, फुलपाड़, तारलकट्टा, हिन्दुबिनापाल, टोटीनडांगरा, गिरगोली और फुलपाड को 18 हजार 464 हेक्टेयर का सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र सौंपा गया।

छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग संघ के अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि बस्तर संभाग मुख्यमंत्री के सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं। कुपोषण मुक्ति के लिए बस्तर वासियांे को चना, गुड़, अण्डा, केला, दुध इत्यादि का वितरण किया जा रहा है। वनवासियों को वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किये जा रहे हैं। तेन्दुपत्ता का पारिश्रमिक दर 25 सौ रूपये से बढ़ाकर 04 हजार रूपये प्रति मानक बोरा कर दिया गया है। किसानों के धान 25 सौ रूपये प्रति क्विंटल में खरीदे जा रहे हैं। राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग आरक्षण को बढ़ाकर 14 प्रतिशत से 27 प्रतिशत कर दिया है। बस्तर अंचल के लोगों को अपने जिले में ही शासकीय नौकरी के अवसर प्रदान किये जा रहे है।
समारोह को कांकेर विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिशुपाल शोरी, भानुप्रतापपुर विधायक मनोज मण्डावी, अंतागढ़ विधायक अनुप नाग, कोण्डागांव विधायक मोहन मरकाम और केशकाल विधायक संतराम नेताम, पूर्व सांसद अरविंद नेताम एवं सोहन पोटाई, जिला अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग बलिराम सिन्हा एवं संगठन मंत्री देवराम साहू, जिला अध्यक्ष अनुसूचित जाति वर्ग प्रदीप कुलदीप ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुभद्रा सलाम, पूर्व विधायक शंकर धुरुवा, शिव नेताम, गंगा पोटाई, जिला पंचायत सदस्य बिरेश ठाकुर सहित जनप्रतिनिधि, पिछड़ा वर्ग के पदाधिकारी, अतिरिक्त मुख्य सचिव(वन) आर.पी. मण्डल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, बस्तर संभाग के कमिश्नर अमृत खलखो, पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद सिन्हा, कलेक्टर के.एल.चौहान सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थि थे।

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