बच्चे की मौत पर बवाल,तीन डॉक्टर के खिलाफ एफ ई आर दर्ज़ 

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कोरबा@M4S:कोरबा के बालकोनगर  थाना क्षेत्र के  परसाभाठा निवासी  मनोज केंवट ने अपने 6  वर्षीय बेटे  दिव्यांश को शनिवार को बालको नगर में संचालित  आयुष्मान  अस्पताल में भर्ती किया था। जहां शाम को बच्चे के हार्निया का ऑपरेशन किया गया। इस दौरान बच्चे की हालत बिगड़ने लगी। रात में डॉक्टर ने स्थिति गंभीर होते देख एंबुलेंस बुलाकर बच्चे को कोसाबाड़ी के एक निजी अस्पताल रेफर किया। जहां पहुंचने पर इलाज के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। बच्चे की मौत की जानकारी होते ही परिजन आक्रोशित हो गए। उन्होंने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर द्वारा झूठी जानकारी देने और इलाज में लापरवाही बरतने के कारण बच्चे की मौत होने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। जो डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इसकी सूचना मिलने पर सीएसपी कोरबा राहुल देव शर्मा, रामपुर चौकी प्रभारी निरीक्षक पौरूष पुर्रे, रक्षित निरीक्षक संजय साहू, बालकोनगर  थाना प्रभारी राकेश मिश्रा समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल वहां पहुंचा। पुलिस अधिकारियों ने मामले में निष्पक्षता से जांच करने और उसके बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए परिजन को समझाइश दी। जिसके बाद परिजन शांत हुए।  जिला अस्पताल में प्रशासनिक अधिकारी की उपस्थिति में वीडियोग्राफी के साथ बच्चे का शव का पोस्टमार्टम करवाया गया, हार्निया के ऑपरेशन के बाद बच्चे की मौत के मामले में बालकोनगर  थाना में डॉ. प्रभात पाणिग्रही समेत सहयोगी डॉ. प्रतीकधर शर्मा व डॉ. ज्योति श्रीवास्तव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का एफआईआर दर्ज किया गया है। रिपोर्ट मृत बच्चे के पिता मनोज केंवट ने लिखाई। जिसमें लापरवाहीपूर्वक बिना संसाधन के ऑपरेशन करने और इसके बाद बच्चे का कंडीशन खराब करने का जिक्र करते हुए तीनों डॉक्टर को इसका जिम्मेदार ठहराया गया है,मृतक दिव्यांश की मां रत्ना केंवट के मुताबिक तबियत खराब रहने पर वे बच्चे को लेकर शुक्रवार को जिला अस्पताल गए थे। जहां जांच व सोनोग्राफी रिपोर्ट देखकर डॉ. प्रभात पाणिग्रही ने हार्निया होना और ऑपरेशन जरूरी होना बताया। जिला अस्पताल में ऑपरेशन के लिए प्रर्याप्त साधन नहीं बोलकर बालकोनगर के आयुष्मान हॉस्पिटल  में बुलाया। शनिवार को कई बार फोन करके डॉक्टर के बुलाने पर वे बच्चे को लेकर ऑपरेशन कराने गए थे। जहां शाम 5  बच्चे को इंजेक्शन लगाया गया। थोड़ी देर में बेहोश होते ही उसे ऑपरेशन के लिए अंदर ले गए। आधे घंटे में बाहर लाने की बात कही गई थी लेकिन डेढ़ घंटे तक उसे बाहर नहीं निकाला गया। बाद में हालत बिगड़ने की बात कहते हुए बच्चे को कोसाबाड़ी स्थित  अस्पताल ले गए। जहां उसकी मौत हो गई। डॉक्टर के झूठी जानकारी देकर ऑपरेशन करने और लापरवाही बरते के कारण बच्चे की जान गई, ऑफ़ कैमरा डॉ. प्रभात पाणिग्रही के बताया की  बच्चे को लेकर परिजन जिला अस्पताल में पहुंचे थे। जहां उन्हें हार्निया का ऑपरेशन करना जरूरी बताया गया था। वहां के ऑपरेशन थियेटर में अपग्रेडेशन का काम चलने की जानकारी देने पर परिजन ने ही बालकोनगर  के हॉस्पिटल  में ऑपरेशन करने को कहा था। जिसके बाद उन्हें वहां बुलाया गया। मैं सर्जन हूं और मैने ही बच्चे का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन सफल रहा लेकिन उसके बाद जब मेडिसिन दी गई तब बच्चे की हालत बिगड़ी। स्थिति को देखते हुए उसे दूसरे अस्पताल रेफर किया गया। जहां उपचार के दौरान बच्चे की मौत हुई,इधर ए एस पी कीर्तन राठौर ने बताया की बच्चे के परिजनों की शिकायत पर लापरवाही बरतने वाले तीन डॉक्टरों पर अपराध दर्ज किया गया है,मामले की जांच की जा रही है   

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