नई दिल्ली(एजेंसी):राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर आया संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजस्थान सरकार को अस्थिर करने के अशोक गहलोत सरकार के दावे और इसमें बीजेपी नेताओं के साथ कांग्रेस पार्टी के विधायकों और पूर्व मंत्रियों के हाथ होने के आरोप के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को फोन टैपिंग की क्लिप्स दी गई है। इसके बाद जहां बीजेपी ने फोन टैपिंग मामले को गैर कानूनी बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की गई, तो वहीं गृह मंत्रालय पूरे मामले को लेकर एक्शन में आ गया है।
गृह मंत्रालय ने राजस्थान के मुख्य सचिव से मांगी रिपोर्ट
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने राजस्थान में कथित तौर पर नेताओं की फोन टैपिंग मामले में राज्य के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है। अशोक गहलोत सरकार को गिराने के आरोप में कथित तौर पर बीजेपी नेताओं की संलिप्तता के विवादित ऑडियो क्लिप्स को राजस्थान पुलिस ने फॉरेंसिक वैरिफिकेशन के लिए भेजने का फैसला किया है। यह फैसला ऐसे वक्त पर लिया गया है जब बीजेपी ने हमला करते हुए मांग की है कि क्या राजस्थान सरकार के इशारे पर विधायकों और राजनेताओं की अवैध फोन टैपिंग की गई है, इस बात की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने कहा- फोन टैपिंग का किया जाएगा वैरिफिकेशन
पिछले 24 घंटे के दौरान ऑडियो क्लिप मुख्य केन्द्र में है, जिसको लेकर अशोक गहलोत धड़े की तरफ से यह दावा किया जा रहा है कि कुछ विधायक गहलोत सरकार को गिराने के लिए सचिन पायलट का समर्थन कर रहे थे। समाचार एजेंसी एएनआई ने राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी का हवाला दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है- “एफआईआर प्रिवेन्शन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 और 7ए केस तहत दर्ज किया गया है। इन ऑडियो क्लिप्स को वैरिफिकेशन के लिए फॉरेंसिक साइंस लेबेरोट्री भेजी जाएंगी। जब रिपोर्ट्स आएगी और इसका सत्यापन हो जाएगा, उसके बाद आरोपित लोगों का वाइस टेस्ट कराएंगे।”
एंटी करप्शन ब्यूरो के सीनियर अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को चीफ व्हीप महेश जोशी ने तीन नाम- भंवर लाल, संजय जैन और गजेन्द्र सिंह की ऑडियो टेप्स एससीबी को सौंपी, जिसमें उन्होंने विधायकों की खरीद फरोख्त की कोशिश करने का आरोप लगाया। हरियाणा के मानेसर में शुक्रवार को होटल में पहुंचे राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) की सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों से पूछताछ में नाकाम रहे क्योंकि परिसर में जब हरियाणा पुलिस की तरफ से जाने की इजाजत दी गई तक तक वे लोग वहां से जा चुके थे। एसओजी की तरफ से सचिन पायलट कैम्प के कुछ विधायकों से आवाज के सैंपल लेने की कोशिश की जा रही है।