कोरबा@M4S: स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर सरकार लगातार गंभीरता दिखाने के दावे कर रही है। अस्पतालों के स्टाफ को पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करने के लिए कहा गया है ।। इन सब के बावजूद कहीं कहीं लापरवाही चरम पर है। ऑपरेशन के लिए रुपया नहीं देने पर गर्भवती महिला को रेफर किए जाने को लेकर पाली के डॉक्टर को नोटिस जारी किया गया है।
पाली विकासखंड के अंतर्गत ग्राम सैला की रहने वाली प्रियंका महंत का प्रसव काल नजदीक आने पर उसे पाली के सरकारी चिकित्सालय लाया गया। परिजनों का मानना था कि सरकारी अस्पताल में यह काम आसानी से और बिना रुपयों में हो जाएगा लेकिन उनका ऐसा सोचना गलत साबित हुआ । महिला की स्थिति को देखते हुए डॉ हेमंत ने ऑपरेशन की जरूरत बताई और इसके लिए महिला के परिजनों से हजारों रुपयों की मांग की। परिजनों ने कुछ देर में इसकी व्यवस्था करने की बात कही। विलंब होने पर डॉक्टर ने ऑपरेशन से इंकार किया और महिला को बिलासपुर रेफर कर दिया। सरकारी डॉक्टर के इस रवैया से हमें काफी परेशान होना पड़ा और कई प्रकार की जोखिम मोल लेनी पड़ी। इस सिलसिले में डॉक्टर हेमंत और एक मितानिन को शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। किसी मरीज के परिजनों से रुपए मांगने का यह पहला मामला है।आम लोगों की सुविधा के लिए सरकार ने कई प्रकार के संसाधनों को बेहतर किया है और योजनाओं के माध्यम से लाभ दिलाया जाना सुनिश्चित किया गया है इन सब के बावजूद अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए कई लोग गलत काम करने में जुटे हुए हैं। सूचना के मुताबिक सरकारी हॉस्पिटल में काम करने के बाद में सरकार से वेतन लेने वाले डॉक्टर हेमंत का पाली में ही निजी क्लीनिक संचालित हो रहा है। प्रियंका महंत के परिजनों से रुपयों की मांग करने वाले हेमंत को नोटिस जारी करने के बाद आगे क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं इसका इंतजार बना हुआ है।स्थानीय लोगों की मानें तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाली में सभी कार्यों का दाम फिक्स है जिसमें नसबंदी,प्रसव कार्य मुख्य है जिसके लिए दस हजार से तीस हज़ार तक की रकम की माँग की जाती है।
प्रसव कराने सरकारी डॉक्टर ने मांगे 15 हजार रूपए चिकित्सक को जारी किया गया नोटिस
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