कोरबा@M4S: तमाम तरह की सुविधाएं और संसाधनों के बावजूद सच्चाई यह है कि कोरबा जिले की आबोहवा अच्छे भले लोगों को बीमार बनाने का कारण बनती जा रही है। लगातार इस प्रकार के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में डेढ़ हजार लोग त्वचा संबंधी रोगों की गिरफ्त में आए हैं। यह स्थिति अपने आप में चिंताजनक है।
कई उद्योगों की चिमनी से निकलने वाले धुंए के अलावा हजारों की संख्या में प्रतिदिन चलने वाले वाहनों से उडऩे वाली धूल डस्ट और दूसरे कारणों से कोरबा में प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है। मेडिकल कॉलेज में स्किन डिजीज के डॉ विनोद खांडेकर ने बताया कि प्रदूषण कारणों से त्वचा संबंधी रोगों के मरीज बढ़ रहे हैं। कुछ ही समय में उनके पास 1500 ऐसे लोग पहुंचे हैं जो इस तरह की बीमारियों से ग्रसित है। एक दूसरे के संपर्क में आने के साथ अत्याधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में होने से भी त्वचा संबंधी बीमारियां फैलती हैं। बच्चे भी इसमें शामिल है। कहीं ना कहीं साफ सफाई की कमी से भी बीमारियां बढ़ती है। वायु प्रदूषण से संबंधित कारणों के चलते कोरबा क्षेत्र में समय से पहले बाल झडऩे की समस्या भी उत्पन्न हो रही है। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसे मामलों में अपने स्तर पर बचाव ही सबसे कारगर साधन हो सकता है और लोगों को ऐसा करना चाहिए।जिस तरह के आंकड़े सामने आ रहे हैं वह यह बताने के लिए काफी है कि आने वाले समय में स्थितियां और ज्यादा खतरनाक हो सकती है। लोगों को समझने की आवश्यकता है तभी वे खुद को बीमारियों से बचा सकेंगे।